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क्या पता कल हों ना हों

28 अक्टूबर 2021

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क्या पता कल हों ना हों 
आज का तो पता नहीं 
कर की क्या फिकर करें 
इस भीड़ सी दुनिया में 
कल भी अकेले थें 
आज भी अकेले हैं 
इतना आसान नहीं होता हैं 
खुद को से ज्यादा गैरों को समझना 
पर हम खुद को ही भूल गए गैरों को 
समझते समझते !

उनका फिकर करते करते 
अपना पसंदीदा चीज को 
भूल गए हैं हम 
बस दूसरों को क्या पसंद है
ध्यान रखते रखते 
पर उन्हें इसे कोई फर्क नहीं पड़ता,कि आप उनको कितना समझते हैं बस वे यहीं समझते हैं कि हम कितने पागल हैं ।


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