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यादें

6 सितम्बर 2021

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तुम्हारी ख़िदमत में एक नज़्म गुनगुनाने का मन करता है।

 खुदा का शुक्र है कि तुम आये सावन-भादों में।
मैंने अगस्त की राते काटी है तुम्हारी यादों में।
अब देखते हैं ये अगहन क्या गुल खिलायेगा।
खुशबू अब भी महक रही है तुम्हारी मेरी सांसों में।

Pawan Pandit

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Sahi hai

6 सितम्बर 2021

Komal Bhaleshwer

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बहुत खूब

6 सितम्बर 2021

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