shabd-logo

यादें

6 सितम्बर 2021

15 बार देखा गया 15
तुम्हारी ख़िदमत में एक नज़्म गुनगुनाने का मन करता है।

 खुदा का शुक्र है कि तुम आये सावन-भादों में।
मैंने अगस्त की राते काटी है तुम्हारी यादों में।
अब देखते हैं ये अगहन क्या गुल खिलायेगा।
खुशबू अब भी महक रही है तुम्हारी मेरी सांसों में।

Pawan Pandit

Pawan Pandit

Sahi hai

6 सितम्बर 2021

Komal Bhaleshwer

Komal Bhaleshwer

बहुत खूब

6 सितम्बर 2021

किताब पढ़िए