योग का अर्थ एकता या बांधना है। इस शब्द की जड़ है संस्कृत शब्द युज, जिसका मतलब है जुड़ना। ... व्यावहारिक स्तर पर, योग शरीर, मन और भावनाओं को संतुलित करने और तालमेल बनाने का एक साधन है। (yoga in hindi) के आसन, प्राणायाम और मुद्रा का नियमित अभ्यास से शारीरिक, मानसिक और आ
आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में हर व्यक्ति हमेशा ही किसी न किसी तरह की परेशानी से जूझता है। कई बार काम की चिंता इस हद तक बढ़ जाती है, कि व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है। तनाव को पूरी तरह जीवन से दूर करना तो संभव नहीं है लेकिन योगासन के जरिए इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से
कहते हैं कि पहला सुख निरोगी काया। लेकिन जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, उसके शरीर में कई तरह की बीमारियां लग जाती है। झुककर चलना, नजर कमजोर होना, जोड़ों में दर्द, हमेशा थकान रहना, कमजोर याददाश्त, नींद में परेशानी, बालों का सफेद होना व त्वचा में झुर्रियां कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जो इस उम्र में आम मान
पिछले कुछ समय में योग के महत्व को पूरी दुनिया ने समझा व माना है। ऐसे कई योगासन हैं, जो गंभीर से गंभीर बीमारियों के उपचार में मदद करते हैं। साथ ही विभिन्न तरह के फायदें भी योगाभ्यास के जरिए होते हैं। ऐसा ही एक बेहद लाभकारी योगासन है वृक्षासन। यह एक ऐसा आसन है, जो शारीरिक व मानसिक रूप दोनांे ही तरह से