
पिछले कुछ समय में योग के महत्व को पूरी दुनिया ने समझा व माना है। ऐसे कई योगासन हैं, जो गंभीर से गंभीर बीमारियों के उपचार में मदद करते हैं। साथ ही विभिन्न तरह के फायदें भी योगाभ्यास के जरिए होते हैं। ऐसा ही एक बेहद लाभकारी योगासन है वृक्षासन। यह एक ऐसा आसन है, जो शारीरिक व मानसिक रूप दोनांे ही तरह से फायदा पहुंचाता है। तो चलिए जानते हैं वृक्षासन से होने वाले लाभ और इसे करने के तरीके के बारे में-
ऐसे करें
वृक्षासन का अर्थ है पेड़ के समान। इस आसन को वृक्षासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें मनुष्य की आकृति पेड़ के समान हो जाती है। यह शारीरिक व मानसिक दोनों ही तरह से लाभकारी माना गया है। इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले एकदम सीधे सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। अपने बाएं पैर के घुटने को सीधे रखें और दाएं हाथ से दाएं पैर को उठाकर बाएं पैर के घुटने के जोड़ पर रखें। इसके बाद अपने दाएं पैर को हल्का सा मोड़ते हुए बाएं घुटने के जोड़ पर आराम से रखें। आपसे जितना संभव हो सके अपने दाएं पैर की एड़ी को बाएं जंघे पर ऊपर की ओर रखें। आपके पैरों की उंगलियां नीचे की ओर झुकी होनी चाहिए। आपके दाएं पैर की एड़ी का दबाव बाएं जांघ पर पड़ना चाहिए। इसके बाद बाएं पैर से अपने शरीर का बैलेंस बनाने की कोशिश करें। इसके बाद दोनों हाथों को उपर ले जाते हुए हाथ को नमस्कार मुद्रा में रखें। इस दौरान शरीर का संतुलन बनाए रखें और जितना देर संभव हो, इस मुद्रा मंे रखें। इसके बाद प्रारंभिक अवस्था में लौट आएं। अब दूसरे पैर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं।
समय है महत्वपूर्ण
वैसे तो वृक्षासन का अभ्यास किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन अगर आप इससे अधिकाधिक लाभ उठाना चाहते हैं तो सुबह उठकर इसका अभ्यास करें।
पैरों को मजबूती
वृक्षासन का अभ्यास करने से घुटने के दर्द से आराम मिलता है। यह पैरों के दर्द से राहत पाने का एक आसान लेकिन कारगर योगासन है। इसका एक फायदा यह भी है कि यह पैरों को मजबूती प्रदान करता है। साथ ही यह स्नायुमण्डल का विकास कर पैरों को स्थिरता प्रदान करता है। इसके कारण यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हैं, जिन्हें काफी देर तक खड़ा होना पड़ता है या फिर बहुत अधिक चलना-फिरना पड़ता है। इतना ही नहीं, वृक्षासन का अभ्यास जोड़ों के दर्द, गठिया और नसों के दबाव के कारण होने वाले दर्द से भी आराम मिलता है।
रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद
वृक्षासन का अभ्यास जहां पैरों को मजबूती प्रदान करता है, वहीं यह रीढ़ की हड्डी को भी लाभ पंहुचाता है। इसका नियमित अभ्यास रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है, जिससे व्यक्ति को कमर में दर्द व अन्य समस्याएं नहीं होतीं। इसके अतिरिक्त इसके अभ्यास से शरीर का संतुलन बनाने में भी मदद मिलती है। यह काफी हद तक गलत बाॅडी पाॅश्चर व उससे जुड़ी परेशानियों को भी दूर करता है।
दिमागी सेहत
वृक्षासन मानसिक सेहत के लिए भी काफी अच्छा माना गया है। जो लोग नियमित रूप से वृक्षासन का अभ्यास करते हैं, उनकी एकाग्र क्षमता व याददाश्त काफी अच्छी होती है। इतना ही नहीं, यह तनाव से मुक्ति दिलाकर व्यक्ति का चित्त शांत करता है। इस लिहाज से यह न सिर्फ व्यस्क बल्कि बच्चों के लिए भी एक बेहतरीन योगासन है।
कम करे वजन
आपको शायद पता न हो लेकिन वृक्षासन वजन कम करने में भी सहायक है। यह कमर और कूल्हों के आसपास जमीं अतिरिक्त चर्बी को खत्म करने में मदद करता है। इसके साथ-साथ इससे शरीर सुडौल व आकर्षक बनता है। चर्बी घटाने के बाद यह आसन शरीर को कमजोर नहीं करता वरन मजबूती देता है। इसलिए जो लोग हेल्दी तरीके से अपना वजन कम करना चाहते हैं, उन्हें इस आसन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए।
बढ़ाए कद
जो लोग अपना कद बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें वृक्षासन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए। दरअसल, कद न बढ़ने के पीछे मुख्य वजह हार्मोनल असंतुलन और अनुवांशिकता होती है। लेकिन अगर आप नियमित रूप से वृक्षासन का अभ्यास करते हैं तो इससे शरीर में कद बढ़ाने वाले हार्मोन्स का स्राव बेहतर होता है, जिससे आपका कद बढ़ता है।
बरतें सावधानी
अगर आप वृक्षासन का अभ्यास करने का मन बना रहे हैं तो पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। सबसे पहले तो इसे किसी विशेषज्ञ की देख-रेख में ही करें, क्योंकि इसका सही तरह से करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जिन लोगों को नींद से सम्बंधित कोई शिकायत है या हमेशा ही सिरदर्द की समस्या रहती है, वह योग विशेषज्ञ की सलाह पर ही इसका अभ्यास करें। वैसे ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी वृक्षासन न करने की ही सलाह दी जाती है।