योनि शब्द सुनकर बहुत से लोगों के मन में अश्लील और कामुक विचार उत्पन्न हुए होंगे| बहुत सी माता बहने मेरे लखन को अश्लीलता का नाम देंगी| गंभीर से दिखने वाले इस समाज में इन विषयों पर बात करना निषेध| लेकिन इन गंभीर लोगों में अश्लीलता तब जागृत होती है जब यह चारदीवारी में सज्जन पुरुष से हवस के भूखे भेड़िए में परिवर्तित हो जाते हैं| और अपने समाज की महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें करते हैं फिर बड़े रॉब के साथ कहते हैं मेरा क्या है बदनाम तू ही होगी |
आज भी हमारे समाज में बहुत सारी लड़कियां बन दीवारों में परिवार के लोगों द्वारा ही यौन उत्पीड़न का शिकार हुई है और यह लोग कोई गैर नहीं रिश्ते में इनकी चाचा मामा मौसा आदि ही थे| कई बार तो पिता भाई जैसे रिश्ते भी बदनाम हो जाते हैं|
योनि वह है जहां से शिशु वीर्य रूप में प्रवेश करता है और 9 महीने गर्भाशय मैं गुजार कर योनि के माध्यम से बाहर आकर सूर्य की पहली किरण देखता है| यानी यह जीव के प्रारब्ध की प्रथम किरण हैहै| यहीं से जीव इस संसार के चक्कर में प्रेषित करता है| लेकिन लेंज का नियम संसार के कटु सत्य को बताता है| जिस योनि से पुरुष की उत्पत्ति होती है उसे ही कलंकित करने लग जाता है| अजीब दास्तान है बलात्कार करते हैं पुरुष और बदनाम होती है नारी| कितनी दुखद बात है सभ्य कहलाने वाले समाज में गालियां भी योनि पर बना ली है इसके साथ मां और बहन जैसे रिश्ते को भी जोड़ लिया है अक्सर हम रेप जैसी घटनाओं के लिए पश्चात संस्कृति को जिम्मेदार मानते हैं लेकिन यह भूल जाते हैं |
यह गालियां तो हमारी की सभ्यता की देन है| सही कहा है के मनुष्य मैं देवता और दानव दोनों निवास करते हैं| जब वह ईश्वरीय पूजा करता है तब वह देव और जिस योनि से उसकी उत्पत्ति हुई है उसे कलंकित करता है तो वह राक्षस बन जाता है|
अंजान राही-गौरवी मेहरा