*विज्ञप्ति*
*‘म.प्र.लेखक संघ की 303वीं कवि गोष्ठी ‘शिक्षक दिवस व राज भाषा हिन्दी’ पर केन्द्रित हुई:-*
टीकमगढ़// दिनांक-4-9-2023 को नगर सर्वाधिक सक्रिय साहित्यिक संस्था म.प्र. लेखक संघ जिला इकाई टीकमगढ़ की 303वीं ‘कवि गोष्ठी’ शिक्ष दिवस एवं राष्ट्रभाषा पर केन्द्रित ‘आकांक्षा पब्लिक स्कूल टीकमगढ़’ में आयोजित की गयी है। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘जफ़र’ ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि यदुकुलनंदन खरे (बल्देवगढ़) रहे, विषिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ कवि रामगोपाल रैकवार एवं द्वारिका प्रसाद शुक्ला रहे।
कवि गोष्ठी का शुभारंभ प्रमोद गुप्ता ने सरस्वती बंदना के पश्चात् यह रचना सुनायी-
पढ़ो नित रामायण, सुनो नित रामयण, रामचरित मानस है, श्री राम का अयन।।
मड़ाबरा़ के गोविन्द्र सिंह गिदवाहा ने रचना सुनायी-ंिहंदी हमारी शान है अक्षर-अक्षर में ज्ञान है।
राजीव नामदेव‘राना लिधौरी’ ने दोहे सुनाएँ -शिक्षक सदैव बाँटता, निज सुगंध ज्यों फूल।
उनके ही सद्ज्ञान से, मिट जाते जग शूल।।
रामगोपाल रैकवार ने दोहे पढ़े - हिंदी हमारी, अस्मिता,हिंदी से है प्यार।
ंिहंदी हमारी शान है, हिंदी हो व्यवहार।।
बल्देवगढ़ के यदुकुल नंदन खरे ने रचना सनुायी-आदमी अब बोना नहीं प्रयोग कर रहा हैं,
अंतरिक्ष की ओर बढ़ रहा है।
बम्हौरी के आयुष सिंह दांगी ने कविता सुनाई- भारत का अभिमान है ंिहंदी,
भारत माँ की शान है ंिहंदी।।
बल्देवगढ़ के प्रमोद मिश्रा ने गीत पढ़ा- पढ़ लिखकर घर स्वर्ग बनाएँ हम, हरें देश में तम।
आज स्कूल चले हम,आज स्कूल चले हम।।
प्रभुदयाल श्रीवास्तव ने कविता सुनाई-हिंदंी पे हमको दिए रत्न बहुत भरपूर,
मीरा,पंत कबीर से, तुलसी केशव सूर।।
हाजी ज़फ़रउल्ला खां ‘जफ़र ने ग़ज़ल सुनायी- दुनिया न कर सकी वो करके दिशा दिया है।
दिखलाई ज़फ़र सबको हिंदोस्तान की ताकत।।
मीरा खरे ने कविता पढ़ी- जन-जन की भाषा है ंिहंदी, भारत की आशा है ंिहदी।
जिसने पूरे देश को जोड़ा, वेा मजबूत कड़ी है ंिहदी।।
मीनू गुप्ता ने कविता पढ़ी- हिंदी से मुस्कान है मीनू की, हिंदी से पहचान है मीनू की।।
रश्मि शुक्ला ने कविता पढ़ी- वह कविता, कविता भी क्या। जिसमें प्यार का भाव न हो।।
शकील खान’ ने ग़ज़ल पढ़ी-जितनी प्यारी लगती माँ-बहनों के माथे पे ंिबंदी।
उतनी ही अच्छी लगती है पढ़ने लिखने में हिंदी।।
अंचल खरया ने कविता पढ़ी-हर कदम आपका करेगे हे गुरुवर तेरे लिए।
ज्ञान लिया है गुणगान करेगे हे गुरुवर तेरे लिए।।
स्वप्निल तिवारी ने सुनाया- रात के अँधेरे से क्या डरना। ये वक़्त बीत जाने दो।।
रामगढ़ के राम सहाय राय,डी.पी.शक्ला ‘सरस’,डी.पी.यादव, दयाली विश्वकर्मा आदि ने भी रचनाएँ सुनाई। कविगोष्ठी का संचालन प्रमोद गुप्ता ने किया तथा सभी का आभार प्रदर्शन विजय मेहरा ने किया।
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रपट / राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
अध्यक्ष म.प्र.लेखक संघ
शिवनगर कालौनी,टीकमगढ़(म.प्र.)बुन्देलखण्ड, (भारत)
मोबाइल- 9893520965