सुचित्रा प्रतिदिन कालेज से लौटकर, वहाँ होने वाली परेशानियों का रोना लेकर माँ के सामने बैठ जाती थी।
कभी सहेली न बनने की दिक्कत, कभी सहेलियों से होने वाले झगड़े,कभी लड़को से कहा-सुनी तो कभी अध्यापको के उसके प्रति बुरे बर्ताव की दिक्कत। माँ प्रतिदिन उसकी इन बातों को ध्यान से सुनती और सांत्वना देती की सब ठीक हो जायेगा,बस खुद में तोडा बदलाव ला। लेकिन सुचित्रा को माँ की बातें समझ में ही नही आती थी या शायद वो इतना गहराई में समझ ही न पा रही हो । रोज रोज की इन घटनाओं ने उसे मानसिक रूप से बीमार कर दिया था, इसी कारण घर के सदस्यों से भी उसका व्यवहार ठीक न था। प्रतिदिन की तरह इस बार भी उसकी किसी सहेली से कुछ ज्यादा ही कहा सुनी हो गई , घर आकर उसने माँ से बोला! मम्मी, देखो न , मेरी जिंदगी में धीरे धीरे सब कुछ गलत और उलटा हो रहा है।
माँ ने मुस्कुराते हुए बोला , यह उदासी और रोना-धोना छोड़ो। चलो मेरे साथ रसोई में! आज तुम्हे तुम्हारी पसन्द के छोले- भटूरे खिलाती हूँ। सुचित्रा का रोना बन्द हुआ, वह हँसते हुए बोली ये तो मेरा मनपसन्द खाना है । कितनी देर में बनेगा? माँ ने सबसे पहले उसे कच्चे चने खाने को दिए, तो सुचित्रा मुँह बनाते हुए बोली , इसे कच्चे कोई खाता है भला। माँ ने फिर मुस्कुराकर उसे मैदे का डिब्बा, तेल-मसालों ,नमक आदि का डिब्बा दिखाकर कहा ,लो इनका स्वाद चख लो। उलटे सीधे प्रस्ताव सुनकर सुचित्रा गुस्से से बोली ," मम्मी! आज तुम्हे क्या हो गया है जो मुझे इस तरह से चीजें खाने को दे रही हो?
माँ ने कहा," बेटा, छोले- भटूरे इन चीजों से ही बनते है ,ये सारी चीजें मिलकर ही उसे स्वादिष्ट बनाती है। कच्ची सामग्री के मेल से ही स्वादिष्ट भोजन और पकवान बनते है।"
जिंदगी का स्वादिष्ट पकवान भी इसी प्रकार की अप्रिय घटनाओं से परिपक्व बनता है। तुम्हारे सामने जो भी समस्याएं और दुःख है उन्हें अपनी चुनौती समझो, अपने व्यवहार में बदलाव लाओ, सबके प्रति समर्पण और त्याग की भावना विकसित करो और यदि किसी से झगड़ा हो गया है तो उसके कारण को खोजो और उसे दूर करो । यदि इन छोटी छोटी बातों को ध्यान में रखकर अपने व्यवहार में परिवर्तन लाओगी तो सभी तुमसे प्यार करेंगे और तुम्हारा पकवान रूपी जीवन भी हमेशा स्वादिष्ठ बना रहेगा।
माँ की बातों को अपने जीवन में उतार कर सुचित्रा ने पुरे कालेज में खुद की एक अलग पहचान बना ली है , पिछले दो सालों से लगातार सुचित्रा अपने कॉलेज की छात्रसंघ अध्यक्ष बनी हुई है, कालेज के छात्र,अध्यापक से लेकर चपरासी तक सभी उससे प्रेम करते है।
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