इतनी भीषण गर्मी, हर साल टूटता गर्मी का रिकार्ड, सालाना काटे जा रहे करोड़ो पेड़, नदियाँ सूखने की कगार पर, प्रतिदिन हजारो नई गाड़िया सड़को पर, रोज बढ़ता हुआ प्रदूषण, दूषित होती वायु ,थोड़ी दूरी के लिए भी बाइक , कार का प्रयोग, सी.ऍफ़.सी का बढ़ता प्रकोप और कार्बन उत्सर्जन में कोई कमी नही।
पर्यावरण दिवस में नाम पर केवल रैलियां,आयोजन, बैठक और पार्टियां एवं हर साल एक नया थीम।
और भी तमाम कमियां जो की साल दर साल पर्यावरण को खोखला करती जा रही है , सुधार के नाम पर केवल औपचारिकताएं पूरी हो रही है जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
हम न तो कभी सुधरे थे और न कभी सुधरेंगे। अपने हित के लिए हम अपनों को भी नुक्सान पहुचने से पीछे नही हटते ,और ये तो पर्यावरण है इसे कैसे छोड़ सकते है।
खैर जो भी हो मेरी तरफ से आप सभी को पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आने वाला समय इससे भी ज्यादा खतरनाक होने वाला है जरा संभल के रहे।
#Sorry_Nature.