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आओ चले बचपन में

10 सितम्बर 2017

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आओ चले बचपन में, फिर हों सभी अमीर ! डांट खाएं बापू से, मां से खाएं खीर ! मां से खाएं खीर, न कोई हो फिर टेंशन ! कि हर गली-नुक्कड़ में, दिखाएं हम हर एक्शन ! कहे 'सहज' कविराय, जीवन रसमय बनाओ ! फिर से खेलें-कूदें, मिट्टी में मिलकर आओ ! ..................... - जेपी सहज

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