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पद्मावती

26 जनवरी 2018

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या देशहित न हो या एक संगठन हित न हो गर भारतीय संस्कृति के विरुद्ध हो तो उसका तिरस्कार करना ही बेहतर गर विरोधाभास के विपरीत हो सामंजस्य बिठा रास्ता निकालना ही बेहतर देश में न अराजकता फैले आपस में न तनाव हो शांति व्यवस्था बाधित न हो ऐसी व्यवस्था करना ही बेहतर जिससे हमारे संस्कृति का मान रहे एक संगठन का सम्मान रहे न हो छत विछत अर्थव्यवस्था न ही कोई व्यवधान रहे धरोहर है जो हमारे मान है क्यों कुरेदे उनका अतीत जिससे आंतरिक उथल पुथल हो न छेड़ो तुम ऐसी तान जिससे राष्ट्र की शांति न भंग हो कुछ तो ऐसा काम करो झेल रहा कितने ही वर्षों से देश अपना बाहरी आतंक और उथल पुथल छोड़  दे सारी खींचातानी सारी बातें है बेमानी बाहर से लाख कोई आतंक मचाए अपने घर मे शांति रहे । सरिता प्रसाद

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बहुत बहुत धन्यवाद शालिनी जी

27 जनवरी 2018

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kavitasangrah

3 दिसम्बर 2017
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श्रद्धांजलि

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10 दिसम्बर 2017
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इलेक्शन

20 दिसम्बर 2017
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इलेक्शनआज हमारे देश का,फिर से माहौल गरमाया हैक्योंकि इलेक्शन आया हैछुपकर बैठा था जो म्यानों मेनिकलकर बाहर आया है,धूल पड़ी थी जिन वादों पर।झाड़ पोछ चमकाया हैफिर से इलेक्शन आया हैकसमों वादों की लड़ी लगी हैनए- नए लोलुपों सेसारा बाजार ही छाया हैउसी राज्य में उन्होने अपना घर बनाया हैआज वही इलेक्शन आया हैपार

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तानाशाही

20 दिसम्बर 2017
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तानाशाहीबारूद के ढेर पर बैठकरदूसरों को धमकाना। जंग के इरादे से,दूसरों को भय दिखाना। खुद का तानाशाह दिखाकर,परमाणु परीक्षण करना। आरजू है उन ताकतवर देशों के,श्रेणी मे अव्वल रहना।  भयंकर रेडियो किरणों से,पर्यावरण प्रदूषित करना। तानाशाह का झंडा गारकर,जंग का इरादा रखना। बड़ा नागवार है यह हरकत,तानाशाही राज

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नव वर्ष की लालिमा

2 जनवरी 2018
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नव वर्ष की लालिमा संगहर घर स्वर्णिम सुमन खिलेखुशियों की बाहर होहर मन - उपवन सुमन खिलेहर सपना साकार होखुशियों का भंडार मिलेहर रिश्तों का रंग चटक हो एकता का भाव जगेप्यार जगे जन - जन के मन मेंएक सुंदर संसार सजेआतंकों का नाश होशांति और सद्भाव जगेदेश हमारा सुंदर उपवन होजहां हर खुशियों के फूल खिलेबेईमानी

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न्याय व्यवस्था

4 जनवरी 2018
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न्याय व्यवस्था ये कैसी न्याय व्यवस्था हैजहाँ दुराचारी बेलगाम घूम रहे हैंदुष्प्रवृतियों की बेइन्तहाँ हो गई हैअसुरक्षा जहाँ घर कर गई हैजहाँ आतताई दिन दहाड़ेगोली बारी कर रहे हैंये कैसी न्याय व्यवस्था हैमनचले खुलेआम मनमानी कर रहे हैंन कोई रोक है न कोई टोक है ...जहाँ हर नारी असुरक्षित हैजहाँ प्रत्येक स्त्

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बर्फीली सर्दी

18 जनवरी 2018
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बर्फीली सर्दीकहीं बर्फ की चादर बिछ गईठंडी - ठंडी हवा चलीकहीं बर्फ की चादर बिछ गईठंडी - ठंडी हवा चलीअस्त - व्यस्त हुआ जनजीवनसर्दी गलन की कहर बढ़ीमजा आ गया शैलानियों कोमौज - मस्ती की दौर चलीशहर - शहर से भ्रमण को आएसफ़ेद चादर से ढकी धराबच्चों ने खेले गोले बनाकरकूद भाग हुड़दंग मचाकरमनोरम कर दिया वन उपवनकि

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गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2018
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http://saritpravahkriti.blogspot.in/2018/01/blog-post_25.html?m=1

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गणतंत्र दिवस

26 जनवरी 2018
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आज धरती पर छाई हरियालीआज अम्बर भी हुआ केसरियासबके दिलों में श्वेत बसा है दिवस  सुहाना  है आयाआज गणतंत्र दिवस है आयादेशभक्ति की हवा चली हैसबका मन है रंगायाआज गणतंत्र दिवस है आयाभारत माँ आज चहक उठी हैश्वेत केसरिया हरित रंगो मेंरंगा देख अपने सपूतों कोमाँ का मन है हर्षायाआज गणतंत्र दिवस है आयाआओ राष्ट्र

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पद्मावती

26 जनवरी 2018
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या देशहित न होया एक संगठन हित न होगर भारतीय संस्कृति के विरुद्ध होतो उसका तिरस्कार करना ही बेहतरगर विरोधाभास के विपरीत होसामंजस्य बिठा रास्ता निकालना ही बेहतरदेश में न अराजकता फैलेआपस में न तनाव होशांति व्यवस्था बाधित न होऐसी व्यवस्था करना ही बेहतरजिससे हमारे संस्कृति का मान रहेएक संगठन का सम्मान रह

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हमारी नयी पुस्तक – “सफर के हमसफर”

18 फरवरी 2018
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बढ़ता मनोबल

22 फरवरी 2018
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बढ़ता मनोबलबढ़ रहा है हौसला अबदिन-ब-दिन आतंकवादियों काबनाकर हमारी सेना को निशानारुख कर रहे हैं उनके घरों काहो रहा है छलनी सीनाइन हरकतों से जवानों काऐसी हरकत परास्त कर रहाहिम्मत भी हमारे जवानों काकैसे करेंगें यह सामनाइन आतंकी गतिविधियों काकैसे डटेंगे यह सीमा परसाहस और बुलंदी के संगगिरि हुई इरादों से अप

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होली

5 मार्च 2018
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त्योहार होली का खुशियों का फुहार लाता हैअगर मिला हो इसमे अपनों का प्यारतभी परिपूर्ण यह त्योहार होता हैरंग लाल हरा पीला और नीलामिलकर इस दिन एक हो जाते हैं  वैर भाव छोड़कर जन - जनएकता के डोर में बंध जाते हैंमीठे पकवानों सी मिठासहर दिलों में घुल जाता हैमन से वैरी भाव मिटाकरप्यार के रंग में रंग जाता हैइस

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जीत

20 मार्च 2018
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जीतखेल कर धुंवाधारजड़ कर चौके छक्केपहुँचा दिया जीत के मुकाम पररह गए सभी हक्के –बक्केचल यूँ ही चला चलबनकर प्रतिस्पर्धी देश काकरता रह सीना चौरातू अपने भारत देश कान पिछड़ेगा कभी भारत हमाराभले ही लड़खड़ा जाए कभीगिरकर संभलना सीखा है इसनेहर बिषम परिस्थितियों मेजीत का परचम लाहड़ाता रहेगामान देश का बढ़ाता रहेगास

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राम राज्य

4 अप्रैल 2018
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राम राज्यराम राज्यऐ काश अपने देश मेंऐसा साम्राज्य होताजैसे राम राज्य होतासुख शान्ति व्याप्त होतीजनता यहाँ खुश होतीसुशासन सुव्यवस्था सेहर समस्या का अंत होतान बेरोजगारी होतीन ही भ्रष्टाचार होताजब जनता सुखी होतीतो न लूट मार होताआदर्श राज पाट काजनता पर असर होतासबकुछ व्यवस्थित होताविकास सही होतान नारी अप

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