हिंदी दिवस के अवसर पर मेरे उद्गार इन दोहों के माध्यम से प्रेषित हैं।
डॉ महेन्द्र जैन
हिन्दी हिन्दुस्तान की ,
भाषा एक महान
काम काज इसमें करें
देश चढ़े परवान।
भाषण से हिन्दी नहीं
कार्यालय में आज
उन्नति का यह मंत्र है
हिन्दी हो सरताज।
भाषा बड़ी जहान में
दिल के जोड़े तार
हिंदी तो रग रग बसे
स्वीकारें सब यार।
राजकाज अरु नौकरी
सब की भाषा एक
हिंदी तो दिल से जुड़े
समझ सके प्रत्येक।
सरकारें गंभीर हों
हिंदी के हित काज
रोजगार शिक्षा मिले
संकल्पित हों आज ।
विश्व शांति साहित्य की
भाषा हिंदी जान
विश्व पटल पर छायगी
हिंदी सकल जहान ।
हिंदी दिवस की शुभकामनाओं सहित