प्यार के तलाश में भटकती मैं, अभी तुमसे आग्रह किया ही था
की जाओ जाओ रोने मत आओ ,कह कर दुत्कार दिया।
तुमसे ही मिले ये आँसू और कहते हो हर वक्त रोते रहती हो
ऐसा तो कभी न हुआ कि हंसाने के लिए थोड़ा दुलार दिया।।
सुनाते हो सारी कमियाँ मेरी हर बार,जैसे मैं हूँ गलतियों की खान
कभी तो तुम्हारी नजरों ने दिया होगा मेरे अस्तित्व को मान।
दिखा होगा उसे कुछ तो अच्छाइयों की झलक मेरी आँखों मे
जिससे किया है मैंने तुम्हें बेइंतिहा प्यार हर बार।
प्यार जो मेरी साँसों में है,आहों में है,जिंदगी है,बंदगी है
एक पल भी तम्हारे बिना गंवारा नहीं, और कहते हो मैंने कभी तम्हें प्यार से संवारा नहीं।
माना कि मैं लायक नहीं, तुम्हारे दिल में मेरी जगह नहीं
पर ये जता क्यों जाते हो ,जब मैं आती हूँ तम्हारे पास बार बार।
दिल की कसम कहती हूँ,दिल टूटता है चटक चटक कर
मन रोता है,तड़प तड़प कर ,प्यार तो पाना दूर ,
और दे जाते हो तुम गम भरपूर।।
मैंने तो सिर्फ प्यार चाहा था यही है मेरा कसूर
अब दुत्कार पा आंसूं निकल पड़े तो उनपे मेरा कोई जोर नहीं
दिल तो है तुम्हें प्यार करने को मजबूर।।
अब तक तो हो जानी चाहिये थी आदत तुम्हें इन आंसुओं की
जो देते रहे हो अनवरत मेरे प्यार करने के फलस्वरूप उपहार,
जिन्हें संग्रह करने की जगह नहीं मेरे पास
उमड़ उमड़ कर आप्लावित होत रहता है बार बार।।
सच में मेरा जीवन साथी तो ये आंसूं ही हैं
कभी नहीं छोड़ जाता हमें बीच मझधार।
दुख में ,सुख में हरवक्त होता है मेरे साथ
नयनों से गातों तक ढलक कर सहला जाता है
दिल को बारम्बार, बारम्बार।।
यही है मेरा प्यार,
सिर्फ और सिर्फ मेरा
सच्चा प्यार।।