*इस संसार में मनुष्य अनेकों प्रकार के कर्म करके अपने कर्मों के अनुसार फल प्राप्त करता रहता है | मनुष्य जाने अनजाने में कृत्य - कुकृत्य किया करता है | कभी-कभी तो अपराधी अपराध करने के बाद भी दंड नहीं पाता तो उसको यह नहीं सोचना चाहिए कि वह पूर्णतया दण्ड से मुक्त हो गया है क्योंकि एक दिन सबको ही यह संस