पानी में घिरे हुए लोगप्रार्थना नहीं करतेवे पूरे विश्वास से देखते हैं पानी कोऔर एक दिनबिना किसी सूचना केखच्चर, बैल या भैंस की पीठ परघर-असबाब लादकरचल देते हैं कहीं और...'बाढ़ पर कवि केदारनाथ सिंह
बाढ़ हर तरफ हाहाकार मचा हर गली नदी बन गयी हर मैदान बड़ा पोखर घर का आँगन स्विमिंग पूल और जो नदी है उनका रुप भयावह और डरावना लगता उनके करीब कोई जा नही सकता जो जाएगा भी तो मुर्दा होकर स
अधिकारियों और स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, भारी बारिश ने सप्ताहांत में उत्तरी भारत में घातक बाढ़ ला दी, क्योंकि देश की राजधानी में 40 से अधिक वर्षों में जुलाई का सबसे गर्म दिन रहा। सीएनएन सहयोगी सी