shabd-logo

बरसात

hindi articles, stories and books related to barsat


Nov 23, 2023 1 Sadak ke kinara तारीख 23 नम्बर 2023 देहरादून, हे.....ये मैं हूं अर्जुन, एक लेखक, एक संगीत प्रेमी, या तुम मुझे सिर्फ अर्जुन भी कह सकते हो......... यह बात जून जुलाई क

तुम जो पूछो, अपनी अहमियत मुझसे, तो सुनोएक तुझको, जो चुरा लूं तो जमाना, गरीब हो जाए

*मेघ मल्हार*आज तो बादल गरज रहे हैं झूम झूम कर बरस रहे हैं ठंडी ठंडी हवा चल रही हैतपते तन में सुकून भर रही है। झुकी जा रहीं पेड़ की डालियाँ प्रकृति का आलिंगन करने कोधरा भी तैयार हो

बरसात की सुबह आई, लेकर ताज़गी की बहार,धरती पर बिखरी हरियाली, झूम उठे पेड़-पहाड़।फूलों पर ओस की बूंदें, चमक उठी जैसे मोती,नवीन जीवन की कहानी, कह रही है ये ज्योति।पंछी गा रहे गीत नए, नदियाँ बहती अविरल,आ

शब्द कम पड़ गए तेरी याद मे  कमरे का कोना- कोना भरा पड़ा हैं तेरी खुशबू से  कब दिन से रात और रात से दिन हो गया तेरी जुदाई मे  दहलीज़ पर बैठ कर किया इंतजार और सजना तू आया ना एक भी बार  अब तो काट लेंगे

**अध्याय 17: 'धर्म और कर्म'** **स्थान:** एक शांत नदी के किनारे, जहाँ पानी की लहरें हल्के-हल्के थपक रही हैं। गुरु और शिष्य एक छोटी सी लकड़ी की नाव में बैठे हैं, नदी के बहाव को देख रहे हैं। **शिष्

**अध्याय 15: 'जीवन और मृत्यु'** **स्थान:** एक विशाल वृक्ष के नीचे, जहां हवा मंद गति से चल रही है और पत्तियाँ धीरे-धीरे सरसराती हैं। गुरु और शिष्य एक ठंडी चाय की प्याली के साथ बैठे हैं। **शिष्य:*

फिर आसमान में काली घटा छाई है, पत्नी ने फिर दो बाते सुनाई हैदिल कहता है सुधर जाऊँ, मगर पडोसन फिर भीग के आई है

अनबनी बारिश है कुछ ऐसी, जिसका कुछ पता नहीं। कब बरसे, कब निकल जाए सूरज। गर्मी का मौसम, उम्मीद जगाते बादल। न जाने कब बरस पड़े, लेकर ठंडी हवा का कलेवर। अनबनी बारिश है कुछ ऐसी, जिसका कुछ पता नहीं। बूंदा ब

featured image

प्रणाम सद्गुरू,                    हाँ, हमने शोषण ही शोषण किया है। पेड़ पौधे द्रुत गति से काट डाले जंगलो को नष्ट कर डाला। शहर से लगे आसपास के गांव अब शहर बन गए । अब ये शहर बनकर अपने आसपास के गां

एक बार एक विद्यार्थी था ,वह एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था वह पढ़ने में अच्छा था और होनहार भी था। यह उन दिनों की बात है, तब हमारे देश में एक बीमारी चल रही थी जिसका नाम कोरोना था ।एक दिन वह अपनी कक्षा

tag testing

featured image

एमपी में बारिश: पिछले दिनों हुई भारी बारिश की वजह से मध्य प्रदेश के कई शहरों में लबालब पानी भर गया था, पिछले 3-4 दिन से बारिश के न होने से उन लोगों ने राहत की सांस ली होगी, जिनके घरों में पानी भरा था।

काश ये क़यामत थोड़ा पहले आती, ख़ुदा की कसम कोई बात बन जाती, अपनी आँखों में होती चमक सितारों की, ज़िन्दगी किस कदर बदल जाती । यूँही फिरते रहे अंधेरों में, बेसबब, बेपरवाह यूँही एकाकी, दीप जलाने का होश

featured image

 मैं एक बेल हूँ जो अक्सर पेड़ो पर लहराती हूँमैने बेल से पूछा कि तुम्हे कौन लपेटता है तुम्हारे हाथ तो है नही।तुम्हे रास्ता कौन बताता है तुम्हारे आंख तो है ही नही । तुम्हे कैसे पता कि तुमने जिसका सह

हजारों-लाखों बूंदें नहीं भिगा पाईं मुझे, लेकिन उसके पलकों से गिरी एक बूंद ने पूरी तरह भिगा दिया था मुझे....

भारत में बरसात का मौसम एक महत्वपूर्ण और सुंदर समय है, जिसे हिंदी में 'मानसून' भी कहा जाता है। यह जलवायुके महीनों में से एक होता है और इसके आगमन को लोग सबर के साथ इंतजार करते हैं। मानसून भारत के विभिन्

featured image

आम को फलों का राजा कहा जाता है….. और सच भी है… क्योंकि इसके जादुई स्वाद के तिलिस्म से कौन सम्मोहित नहीं होता….. कभी आम के ऐसे ही मौसम में कुछ पंक्तियाँ बन गईं थीं….. सुर्खाब की देखें सूरत , लो

featured image

  भीगे मन को भीगा सावन, सूखा-सूखा लगता है ।  मूक अधर, सूनी नजरों से, चौपाल भला कब सजता है ।   आँखों की कोरें भीगी हों  तो क्या करना सावन का,  मन में यदि न उम्मीदें हों  तो क्या करना सावन का, 

अधिकारियों और स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, भारी बारिश ने सप्ताहांत में उत्तरी भारत में घातक बाढ़ ला दी, क्योंकि देश की राजधानी में 40 से अधिक वर्षों में जुलाई का सबसे गर्म दिन रहा। सीएनएन सहयोगी सी

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए