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छद्मलेखक

hindi articles, stories and books related to Chhanmalak


कही जा रहे थे ! बस में थे , लगातार बरसात के चलते काफी जगह यातायातमें दिक्कत हो रही थी !ट्रैफिक चरम पर था ,साँझ का समय था ! अचानक बस की खिड़की से देखते हुएसमीप ही आकर रुकी स्कुल बस पर नजर पड़ी ,स्कुल बस के स्टॉप पर बहुत सी महिलाओंका झुण्ड अपने बच्चो की प्रतीक्षा कर रहा था !स्कूल बस से बच्चो के उतरते ही

मोबाइल पर नेट ऑन करते ही 'व्हाट्सएप ' पर एक मैसेज आया I''राहुल पाण्डेय ' तु चंद दिनों के दोस्तों को बर्थ डे विश कर रहा है Iलेकिन बचपन के दोस्त का जन्मदिन याद नहीं ''पहले तो मै चिंहुक गया के कौन है ये ? फिर देखा तो मेरे बचपन का सहपाठी था Iमैंने समझाया 'अरे भाई मै किसी के जन्मदिन याद थोड़े ही रखता हु ,

कार्टूनिस्ट प्राण15 अगस्त को  कार्टूनिस्ट प्राण साहब का जन्मदिन है  l उन्हें इस दुनिया से गए 2 साल हो गए 5 अगस्त 2014 को उन्होंने कॉमिक्स जगत के साथ ही इस स्थायी शरीर को विदा कह दिया l'चाचा चौधरी ' बिल्लू ,पिंकी ,के रचयिता कार्टूनिस्ट'प्राण ' नहीं रहे l 75 साल की उम्र में उनके निधन से कॉमिक जगत को अ

कल से ही देख रहा हु ! कुछ दिनों पहले ही हमारे गोदाम में एक खम्बे पर एक कबूतरी ने अंडे दिए थेजो अब बच्चो में परिवर्तित हो चुके है ! चूँकि वे एक बंद गोदाम में जन्मे है इसलिए बाहरी वातावरण की तुलना में उन्हें उड़ने का अभ्यस्त होने में जरुरत से ज्यादा समय लगना है ,बच्चे माँ की आधी बराबरी इतने बड़े तो हो ह

जब इस प्रथम बार हथेली पर उठायादिनांक १६ मई २०१४ को मुझे यह मिला। किसी पेड़ से गिर गया था । कव्वे परेशान कर रहे थे। मेरे छोटे भाई इसे बचाकर घर ले आये । उन पेड़ो के झुरमुट में इसका घर तलाशना संभव नहीं था ! बहुत ही छोटा सा था जो की अभी उड़ना भी नहीं जानता था ,और बहुत डरा हुवा भी ,इसलिए इसे खुले में रखना भ

लेखक : मिथिलेश गुप्ता lप्रकाशक : सूरज पॉकेट बुक्स lमिथिलेश गुप्ता से मेरी जान पहचान फेसबुक से ही हुयी है ,मै काफी अरसे से इन्हें जानता हु ,लेकिन मुलाक़ात हाल ही में मुंबई में इनकी पुस्तक के लांच के दरम्यान ही हुयी lउनसे मिलकर ऐसा ही नहीं के मै उनसे पहली दफा मिल रहा हु ,वे आसपास के ही पहचान के व्यक्ति

लेखक : मिथिलेश गुप्ता lप्रकाशक : सूरज पॉकेट बुक्स lमिथिलेश गुप्ता से मेरी जान पहचान फेसबुक से ही हुयी है ,मै काफी अरसे से इन्हें जानता हु ,लेकिन मुलाक़ात हाल ही में मुंबई में इनकी पुस्तक के लांच के दरम्यान ही हुयी lउनसे मिलकर ऐसा ही नहीं के मै उनसे पहली दफा मिल रहा हु ,वे आसपास के ही पहचान के व्यक्ति

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