खुशी का मनोविज्ञान ,मनोविज्ञान की एक शाखा है जो खुशी की प्रकृति को समझने पर केंद्रित है, इसे कैसे मापा जा सकता है और इसकी प्राप्ति में कौन से कारक योगदान करते हैं। इस क्षेत्र की कुछ प्रमुख अवधारणाओं
खुशी एक ऐसी भावना है जो हमारे मन को संतुष्ट करती है और हमें जीवन के अनुभवों से खुश रखती है। यह हमारे मन और शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह हमें स्वस्थ और सकारात्मक बनाती है। खुशी के मनो
खुशी जिंदगी का अनुपम अहसास है,जहां मिलती है असीमित भावनाएं।ना कोई गम ना कोई संताप,होती है सदैव स्वर्ग कल्पनाएं।।खिलते चमन में ज्यों बहार आती है।विविध सुबास है हमें महकाती है।बढ़ने लगती है जीवन जीने मह
खुशी जिंदगी का वह भाव है जो हमारा चेहरा व्यक्त करता है हमारा शरीर व्यक्त करता है। जब हम खुश होते हैं तो चेहरे पर एक नूर छा जाता है। हमारी आंखें हमारी मुद्राएं खुशी को व्यक्त करती हैं। खुशी हमारे अंतर्
आपने किसी जानवर को हंसते देखा है। क्या किसी शेर हाथी या गाय को हंसते देखा है। नही देखा ऐसा वो कर नही सकते उस स्तर की बुद्धि उसमे विकसित नही हुई है । लेकिन वो अच्छा फिल जरुर करते है। मनुष्य ही एक प