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मेरा नाम दीपक सिंह है मेरी उम्र 23 साल है वैसे तो मेरा कोई साहित्यिक परिचय नहीं है लेकिन मेरी लिखने की रुचि ने मुझे इस मंच की ओर आकर्षित कर लिया और इसलिए अपनी मन की भावनाओ को किताब के पन्नो में लिखता हूँ | कृप्या किताब पढ़ने के बाद प्रतिक्रिया अवश्य दिया करें जिससे मुझे भी पता लग सके की आपको किताब कैसी लगी। प्रोफाइल फॉलो आप अपनी इच्छा से कर सकते हैं। धन्यवाद

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-11-20
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-11-12
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-11-07
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-11-05
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-25
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-23
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-21
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-16
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-10-10
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-07-28
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-06-19
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-17
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-03
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-02
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-02-15

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मेरी दैनिक लेखनी

मेरी दैनिक लेखनी

दैनिक लेखन के लिए समर्पित

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42 common.articles

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मेरी दैनिक लेखनी

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प्रेम का सागर

प्रेम का सागर

ये कहानी एक प्रेम कहानी है जो अन्य सभी कहानी की तरह ही है लेकिन इसके किरदार सामान्य नहीं हैं। इस कहानी में एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात की गई है जिसके बारे में ना ही कोई बात करना चाहता है और न कोई लिखना। ये कहानी समलैंगिक प्रेम पर आधारित है और इस कह

25 common.readCount
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प्रेम का सागर

प्रेम का सागर

ये कहानी एक प्रेम कहानी है जो अन्य सभी कहानी की तरह ही है लेकिन इसके किरदार सामान्य नहीं हैं। इस कहानी में एक ऐसे मुद्दे के बारे में बात की गई है जिसके बारे में ना ही कोई बात करना चाहता है और न कोई लिखना। ये कहानी समलैंगिक प्रेम पर आधारित है और इस कह

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वादों की मुलाकात

वादों की मुलाकात

यह कहानी एक अजनबी मुलाकात, दर्द और वादों की खूबसूरत यात्रा है। इसमें वक्त, यादें, और साझा किए गए अनुभवों का महत्व है।

20 common.readCount
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वादों की मुलाकात

वादों की मुलाकात

यह कहानी एक अजनबी मुलाकात, दर्द और वादों की खूबसूरत यात्रा है। इसमें वक्त, यादें, और साझा किए गए अनुभवों का महत्व है।

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बचपन

बचपन

बचपन कैसे गुज़रता है पता नहीं चलता लेकिन ताउम्र बचपन की यादें हमारे ज़हन में जिन्दा रहती हैं |

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6 common.articles
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ईबुक:

₹ 32/-

बचपन

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बचपन कैसे गुज़रता है पता नहीं चलता लेकिन ताउम्र बचपन की यादें हमारे ज़हन में जिन्दा रहती हैं |

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ऐ दिल तु फिर किसी से ना लगे

ऐ दिल तु फिर किसी से ना लगे

Ek koshish ki hai सुनिएगा जरूर

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₹ 21/-

ऐ दिल तु फिर किसी से ना लगे

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Ek koshish ki hai सुनिएगा जरूर

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किस्से कहानी

किस्से कहानी

मेरी लिखी किताबों की कुछ कहानियां इस किताब में निशुल्क पढ़ने के लिए दी गयी हैं |

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किस्से कहानी

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अनकहा सत्य

अनकहा सत्य

पौराणिक कथाओं का संग्रह

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अनकहा सत्य

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पौराणिक कथाओं का संग्रह

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🐒🦅🦚जंगल की पंचायत 🐅🐘🐊

🐒🦅🦚जंगल की पंचायत 🐅🐘🐊

ये किताब मेरी कल्पना की दुनियां है जो एक अनोखा जंगल है जहां सभी जानवरों को किरदार दिए गये हैं। ये सब जानवर हम इंसानों की तरह ही बात करते हैं और सब अपना जीवन कभी खुशी से और कभी दुख से जीते हैं, कभी आपस में लड़ते हैं और कभी मिलकर अपने दुश्मनों का सामना

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🐒🦅🦚जंगल की पंचायत 🐅🐘🐊

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ये किताब मेरी कल्पना की दुनियां है जो एक अनोखा जंगल है जहां सभी जानवरों को किरदार दिए गये हैं। ये सब जानवर हम इंसानों की तरह ही बात करते हैं और सब अपना जीवन कभी खुशी से और कभी दुख से जीते हैं, कभी आपस में लड़ते हैं और कभी मिलकर अपने दुश्मनों का सामना

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फैसला आपका

फैसला आपका

इस किताब में कुछ कहानियाँ लिखी हैं जो यह दर्शाते हैं की कैसे एक फैसला आपके जीवन को बदल देता है तो एक बार पढियेगा जरूर

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₹ 53/-

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याद.... एक सहारा

याद.... एक सहारा

"आज मेरी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है अगर किसी को जानना है कि मैं क्या कह रहा हूँ उसके लिए, उसे मेरे आंतरिक विचार पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा। क्योंकि आजकल मैं एक भी शब्द बोलने की कोशिश नहीं कर सकता, मेरी आवाज खोई हुई सी है और मैं अपनी सारी भा

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याद.... एक सहारा

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"आज मेरी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है अगर किसी को जानना है कि मैं क्या कह रहा हूँ उसके लिए, उसे मेरे आंतरिक विचार पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा। क्योंकि आजकल मैं एक भी शब्द बोलने की कोशिश नहीं कर सकता, मेरी आवाज खोई हुई सी है और मैं अपनी सारी भा

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भाग: बारह

14 दिसम्बर 2024
0
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अमावस्या की वह रात हवेली के इतिहास की सबसे काली रात बनने वाली थी। चारों ओर एक अजीब-सी खामोशी थी, लेकिन हवेली के भीतर कुछ और ही हलचल चल रही थी। सूरजभान ने चंद्रिका की आत्मा को मुक्त करने के लिए यज्ञ की

भाग: ग्यारह

14 दिसम्बर 2024
0
0

अगले दिन, सूरज की पहली किरण के साथ, सूरजभान ने उस कमरे को ताला लगवाया और गांव में यह खबर फैला दी कि चंद्रिका और उसका बेटा आग में गलती से जलकर मर गए। लोगों ने अफसोस जताया, लेकिन सूरजभान का चेहरा देखकर

भाग: दस (महत्वपूर्ण)

14 दिसम्बर 2024
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समय धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था, और चंद्रिका बेसब्री से अमावस्या की रात का इंतजार कर रही थी। उसने कई दिनों से खुद को इस रात के लिए तैयार कर रखा था। उसकी आँखों में एक अनोखी चमक थी—एक अजीब सी बेचैनी, जिसमे

भाग: नौ

14 दिसम्बर 2024
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चंद्रिका और सूरजभान के जीवन में बीते नौ महीने किसी भयावह स्वप्न से कम नहीं थे। इक्कीस बलियों के इस काले सिलसिले में 20 मासूम बच्चों का जीवन समाप्त हो चुका था। चंद्रिका का गर्भवती होना इस दुष्चक्र का अ

भाग: आठ

14 दिसम्बर 2024
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सूरजभान ने चंद्रिका से बेहद प्रेम किया था। चंद्रिका का आकर्षण, उसकी तीव्र इच्छाशक्ति, और रहस्यमय व्यक्तित्व सूरजभान को उसकी हर बात मानने के लिए बाध्य कर देता था। लेकिन जब चंद्रिका ने बलि के लिए बच्चों

भाग: सात

14 दिसम्बर 2024
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शाम के समय सूरजभान का मन उस बच्चे के कटा हुआ हाथ देखकर बहुत परेशान था। वह अभी भी उस दृश्य को नहीं भूल पा रहा था, और उसका मन एक अजीब सी घबराहट से भर गया था। लेकिन चंद्रिका, जो अब तक शांत और स्थिर दिख र

भाग: छः

14 दिसम्बर 2024
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कुछ और दिन बीत चुके थे। चंद्रिका का हृदय अब और अधिक निर्मम और ठंडा हो चुका था। अपनी पहली बलि के बाद उसका आत्मविश्वास बढ़ गया था, और वह अब दूसरी बलि के लिए अपना शिकार ढूंढ रही थी।चंद्रिका अब अपने मकसद

भाग: पाँच

14 दिसम्बर 2024
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कुछ ही दिनों बाद, चंद्रिका ने आस-पास के गाँवों में संदेश भिजवाया कि हवेली में एक भव्य भोज का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए था, ताकि सभी को भोजन और सहायता मिल सके। सूरजभा

भाग: चार

14 दिसम्बर 2024
0
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अगले दिन सुबह का सूरज धीरे-धीरे हवेली की खिड़कियों से झाँकने लगा। लेकिन चंद्रिका के भीतर एक अलग ही हलचल थी। उसका मन अब सिर्फ और सिर्फ उस कमरे पर टिका हुआ था, जहाँ उसने पिछली रात किताब रखी थी। उसकी आँख

भाग: तीन

14 दिसम्बर 2024
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हालांकि, सूरजभान के साथ उसने वादा किया था कि वह उस कमरे का दरवाजा कभी नहीं खोलेगी, फिर भी उसका मन उस प्रतिबंध से बाहर निकलने के लिए व्याकुल हो जाता। वह जानना चाहती थी कि वह कमरा क्या राज़ छिपाए हुए है

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