मिले नज़र फिर झुके नज़र, कोई इशारा तो होयो ही सही जीने का मगर, कोई सहारा तो हो ||स्कूल दफ़्तर परिवार सबको हिस्सा दे दियाजिसको अपना कह सके, कोई हमारा तो हो ||उलझ गये है भँवर मे और उलझे ही जा रहेकोई राह नयी निकले, कोई किनारा तो हो ||टूटे हुए सितारो से माँगते है सब फरियादेंकुछ हम भी मांग ले, कोई सितारा