shabd-logo

पुरुखों की यादें

hindi articles, stories and books related to Purukhon ki yaden


featured image

पता पिता से पाया था मैं पुरखों के घर आया था एक गाँव के बीच बसा पर उसे अकेला पाया था । माँ बाबू से हम सुनते थे उस घर के कितने किस्से थे भूले नहीं कभी भी पापा क्यों नहीं भूले पाया था । जर्जर ए

featured image

अग्निर्होता कविक्रतुः सत्यश्चित्रश्रवस्तमः । देवो देवेभिरा गमत्॥ " हे अग्निदेव ! आप हवि -प्रदाता, ज्ञान और कर्म की संयुक्त शक्ति के प्रेरक, सत्यरूप एवं विलक्षण रूप युक्त हैं । आप देवों के साथ

featured image

अग्ने यं यज्ञमध्वरं विश्वतः परिभूरसि । स इद्देवेषु गच्छति॥ " हे अग्निदेव ! आप सबका रक्षण करने में समर्थ हैं । आप जिस अध्वर (हिंसारहित यज्ञ) को सभी ओर से आवृत किये रहते हैं, वही यज्ञ देवताओं तक

featured image

अग्निना  रयिम्श्र्न्वत्पोष्मेव दिवेदिवे ।  यशसं  वीरवत्तमम्  ॥  " अर्थात् जो अग्निदेव  प्राचीन ऋषियों द्वारा प्रशंसित हैं और जो आधुनिक काल में भी ऋषिकल्प वेदज्ञ विद्वानों द्वारा स्तुत्य हैं,

आज हम और आप मिलकर एक ऐसे विषय पर चर्चा करेंगे जिसमें हमारे पुरखों की यादें और धरोहर की चर्चा करेंगे,चंद धरोहरों का तो उद्धार हो गया है। लेकिन कुछ वीरानी का दंश झेल रहीं हैं। मुगल शासनकालीन यह महल

featured image

 परिचय यादें वे धागे हैं जो हमारे जीवन का ताना-बाना बुनते हैं, हमें हमारे अतीत से जोड़ते हैं और भविष्य में हमारा मार्गदर्शन करते हैं। यादों की इस जटिल टेपेस्ट्री के भीतर, हमारे पूर्वजों की

featured image

दादा-दादी हमारे बचपन का ऐसा हिस्सा होते हैं, जिनसे दूर भले ही हो जाएं, लेकिन उनके साथ बिताया समय और उससे जुड़ी यादें हमेशा हमारे साथ रहती हैं।बड़े खुशनसीब होते हैं वो, जिनका बचपन उनके दादा-दादी के स

बड़ा तालमेल बडा अपनापन , आंखों से हमने देखा है उन्हें।।किसी को भूखा सोने ना दिया , रूठे को मनाते हुए देखा है उन्हें।इंसानियत का बोलबाला था , सदैव इंसान की अहमियत जिन्होंने समझी। रोती हुई आंखों के

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए