🌞 ~ आज का अपना पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 16 जुलाई 2018
⛅ दिन - सोमवार
⛅ विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074)
⛅ शक संवत -1940
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - आषाढ़
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - चतुर्थी शाम 06:40 तक तत्पश्चात पंचमी
⛅ नक्षत्र - मघा सुबह 11:13 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
⛅ योग - व्यतीपात शाम 05:06 तक तत्पश्चात वरीयान्
⛅ राहुकाल - सुबह 07:48 से सुबह 09:27 तक
⛅ सूर्योदय - 05:27
⛅ सूर्यास्त - 19:07
⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - विनायक चतुर्थी, संक्रांति (पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक)
💥 विशेष - चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 संक्रांति 🌷
➡ 16 जुलाई 2018 सोमवार को संक्रांति (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त तक)
🙏🏻 इसमें किया गया जप, ध्यान, दान व पुण्यकर्म अक्षय होता है ।
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 गुप्त नवरात्रि 🌷
🙏🏻 इन दिनों आषाढ़ मास का गुप्त नवरात्रि चल रही हैं । गुप्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जप करने से सभी सुखों की प्राप्ति संभव है। ये मंत्र बहुत ही चमत्कारी हैं, अगर विधि-विधान से इनका जप किया जाए तो असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। (दुर्गा सप्तशती के मंत्र बहुत ही शीघ्र असर दिखाते हैं, यदि आप मंत्रों का उच्चारण ठीक से नहीं कर सकते तो किसी योग्य ब्राह्मण से इन मंत्रों का जप करवाएं, अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।) मंत्र जप की विधि इस प्रकार है-
🌷 जप विधि 🌷
➡ 1. गुप्त नवरात्रि में रोज सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले माता दुर्गा की पूजा करें। इसके बाद एकांत में कुशा (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठकर लाल चंदन के मोतियों की माला से मंत्रों का जप करें।
➡ 2. इन मंत्रों की प्रतिदिन 5 माला जप करने से मन को शांति तथा प्रसन्नता मिलती है। यदि जप का समय, स्थान, आसन, तथा माला एक ही हो तो यह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाते हैं।
👩🏻 सुंदर पत्नी के लिए मंत्र
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।
💰 गरीबी मिटाने के लिए
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि। दारिद्रयदु:खभयहारिणि का त्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता।। रक्षा के लिए शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके। घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।। बाधा शांति के लिए सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वरिविनासनम्।।
😌 सपने में सिद्धि-असिद्धि जानने के लिए
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके। मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।
👨👨👧👧 सामूहिक कल्याण के लिए
देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्र्या। तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भकत्या नता: स्म विदधातु शुभानि सा न: ।।भय नाश के लिए यस्या: प्रभावमतुलं भगवाननन्तो ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च। सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु।।
😷 रोग नाश के लिए
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् । त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
🤢 विपत्ति नाश के लिए
देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य। प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
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