🌞 ~ आज का अपना पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 21 अगस्त 2018
⛅ दिन - मंगलवार
⛅ विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074)
⛅ शक संवत -1940
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - श्रावण
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - एकादशी पूर्ण रात्रि तक
⛅ नक्षत्र - मूल रात्रि 12:34 तक तत्पश्चात पूर्वाषाढा
⛅ योग - विष्कम्भ शाम 04:03 तक तत्पश्चात प्रीति
⛅ राहुकाल - शाम 03:40 से शाम 05:15 तक
⛅ सूर्योदय - 05:46
⛅ सूर्यास्त - 18:42
⛅ दिशाशूल - उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - पुत्रदा-पवित्रा एकादशी (स्मार्त), मंगलागौरी पूजन, झूलण यात्रा प्रारंभ, एकादशी वृद्धि तिथि
💥 विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं ।
💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 धन संबंधी बाधाएं दूर करने के लिए 🌷
🙏🏻 धन संबंधी बाधाएं दूर करने के लिए नियमित रूप से यहां बताए जा रहे उपाय करते रहेंगे तो जल्दी ही शुभ फल मिल सकते हैं। यहां जानिए शास्त्रों में बताए उपाय, जिनसे परेशानियां दूर होती हैं...
➡ सूर्य को चढ़ाएं जल
रोज सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए । तांबे के लोटे में पानी भरें और उसमें लाल फूल, कुमकुम, चावल डालें और सूर्य को जल चढ़ाएं ।जल चढ़ाते समय ॐ सूर्याय नम: मंत्र का जप करें । इस उपाय से व्यक्ति को समाज में प्रसिद्धि मिलती है ।
➡ पीपल को चढ़ाएं जल
सभी शुभ मुहूर्त में पीपल की जड़ में जल चढ़ाना चाहिए । शास्त्रों की मान्यता है कि पीपल भगवान श्रीहरि का ही एक स्वरूप है और इसमें सभी देवी-देवताओं का वास है । इस कारण जो लोग पीपल की पूजा करते है, जल चढ़ाते हैं, उन्हें सभी प्रकार की सुख-सुविधाएं प्राप्त होती है ।
➡ शिवलिंग पर चढ़ाएं जल
एक लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें काले तिल डाल दें । अब इस जल को शिवलिंग पर ॐ नम: शिवाय मंत्र जप करते हुए चढ़ाएं ।जल की पतली धार से चढ़ाएं और मंत्र का जप करते रहें । जल चढ़ाने के बाद फूल और बिल्व पत्र चढ़ाएं । इस उपाय से शुभ फल प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ती है ।
➡ शनि दोष की शांति के लिए
कुंडली में शनि के दोष हो या शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही हो तो किसी पवित्र नदी में हर शनिवार को काले तिल प्रवाहित करना चाहिए ।इस उपाय से शनि के दोष की शांति होती है ।
➡ पीपल को चढ़ाएं दूध
दूध में काले तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं । इससे बुरा समय दूर हो सकता है ।
➡ पूजा के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाने चाहिए। इससे नकारात्मकता, दरिद्रता बाहर चली जाती है। घर में लक्ष्मी आती हैं।
➡ सुबह जब भी उठे, सबसे पहले अपनी दोनों हथेलीयों को देखना चाहिए। इससे भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की विशेष कृपा मिलती है।
➡ यदि कोई व्यक्ति पीपल के नीचे छोटा सा शिवलिंग स्थापित करके नियमित पूजा करता है तो उसकी सभी परेशानियाँ दूर हो सकती है।
➡ काले तिल का दान करें। इससे राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।कालसर्प योग, साढ़ेसाती, ढय्या, पितृ दोष आदि में भी यह उपाय किया जा सकता है।
➡ सुबह घर से निकलने से पहले केसर को पानी में मिलाकर तिलक लगाएं। इस उपाय से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और सफलता मिलती है।
➡ जल चढ़ाते समय शिवलिंग को हथेलियों से रगड़ना चाहिए। इस उपाय से किसी की भी किस्मत बदल सकती है ।
➡ चावल पकाएं और चावलों से शिवलिंग का श्रृंगार करें। इसके बाद पूजा करें। इससे मंगलदोष शांत होते है।
➡ शिवलिंग पर रोज धतुरा चढ़ाने से घर और संतान से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। यह उपाय संतान को सभी कार्यों में सफलता दिलाती है।
➡ नियमित रुप से आंकड़े के फूल की माला बनाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
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