🌞 ~ आज का अपना पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 19 जुलाई 2018
⛅ दिन - गुरुवार
⛅ विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074)
⛅ शक संवत -1940
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - आषाढ़
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - सप्तमी दोपहर 01:35 तक तत्पश्चात अष्टमी
⛅ नक्षत्र - हस्त सुबह 07:53 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग - शिव सुबह 19:40 तक तत्पश्चात सिद्ध
⛅ राहुकाल - दोपहर 02:12 से शाम 03:51 तक
⛅ सूर्योदय - 05:29
⛅ सूर्यास्त - 19:06
⛅ दिशाशूल - दक्षिण दिशा में
💥 विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है तथा शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 पुण्यात्मा, उत्तम संतान की प्राप्ति के लिए 🌷
➡ बृहस्पति, बुध, शुक्र, चन्द्र – ये शुभ ग्रह हैं | इनमें बृहस्पति तो अत्यंत शुभ ग्रह है | बृहस्पति जब बलवान होता है तब पुण्यात्मा पृथ्वी पर अवतरित होते हैं | बलवान बृहस्पति जिसकी जन्म-कुंडली में होता है, उसमें आध्यात्मिकता, ईमानदारी, अच्छाई, सच्चरित्रता, आदि गुण तथा विद्या व अन्य उत्तम विशेषताएँ होती हैं | इसलिए गर्भाधान ऐसे समय में होना चाहिए जिससे बच्चे का जन्म बलवान व उत्तम ग्रहों की स्थिति में हो |
➡ वर्तमान समय में दिनांक ३ अगस्त २०१८ से २५ जनवरी २०१९ तक का समय गर्भाधान के लिए उत्तम है | इसके अलावा २७ दिसम्बर २०१९ से १५ फरवरी २०२० तक का समय तो गर्भाधान के लिए अतिशय उत्तम है |
➡ महान आत्माएँ धरती पर आना चाहती हैं लेकिन उसके लिए संयमी पति-पत्नी की आवश्यकता होती है | अत: उत्तम सन्तान की इच्छावाले दम्पति गर्भाधान से पहले कम-से-कम २-३ माह का ब्रह्मचर्य –व्रत अवश्य रखें, साथ ही अधिकाधिक गुरुमंत्र का जप करें | इष्टदेव से प्रार्थना करें, फिर गर्भाधान करें |
💥 गर्भाधान के लिए अनुचित काल
पूर्णिमा, अमावस्या, प्रतिपदा, अष्टमी, एकादशी, चतुर्दशी, सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण, पर्व या त्यौहार की रात्रि (जन्माष्टमी, श्रीराम नवमी, होली, दिवाली, शिवरात्रि, नवरात्रि आदि ), श्राद्ध के दिन, प्रदोषकाल (१. सूर्यास्त का समय, २. सूर्यास्त से लेकर ढाई घंटे बाद तक का समय ), क्षयतिथि एवं मासिक धर्म के प्रथम ५ दिन, माता-पिता की मृत्युतिथि, स्वयं की जन्मतिथि, संध्या के समय एवं दिन में समागम या गर्भाधान करना सर्वथा निषिद्ध है | दिन के गर्भाधान से उत्पन्न संतान दुराचारी और अधम होती है |
➡ शास्त्रवर्णित मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए, नहीं तो आसुरी, कुसंस्कारी या विकलांग संतान पैदा होती है | संतान नही भी हुई तो भी दम्पति को कोई खतरनाक बीमारी हो जाती है |
👉🏻 गर्भाधान के पूर्व विशेष सावधानी
अपने शरीर व घर में धनात्मक ऊर्जा आये इसका तथा पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए | बहनों को मासिक धर्म में भोजन नहीं बनाना चाहिए | गर्भाधान घर के शयनकक्ष में ही हो, होटलों आदि ऐसी-वैसी जगहों पर न हो |
💥 टिप्पणी : उत्तम समय के अलावा के समय में भी यदि गर्भाधान हो गया हो तो गर्भपात न करायें बल्कि गर्भस्थ शिशु में आदरपूर्वक उत्तम संस्कारों का सिंचन करें | गर्भपात महापाप है |
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🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 व्यापार में वृद्धि हेतु 🌷
👉🏻 रविवार को गंगाजल लेकर उसमें निहारते हुए २१ बार गुरुमंत्र जपें, गुरुमंत्र नहीं लिया हो तो गायत्री मंत्र जपें | फिर इस जल को व्यापार-स्थल पर जमीन एवं सभी दीवारों पर छिडक दें | ऐसा लगातार ७ रविवार करें, व्यापार में वृद्धि होगी।
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
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