🌞 ~ आज का अपना पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 23 जुलाई 2018
⛅ दिन - सोमवार
⛅ विक्रम संवत - 2075 (गुजरात. 2074)
⛅ शक संवत -1940
⛅ अयन - दक्षिणायन
⛅ ऋतु - वर्षा
⛅ मास - आषाढ़
⛅ पक्ष - शुक्ल
⛅ तिथि - एकादशी शाम 04:23 तक तत्पश्चात द्वादशी
⛅ नक्षत्र - अनुराधा दोपहर 12:54 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
⛅ योग - शुक्ल सुबह 07:29 तक तत्पश्चात ब्रह्म
⛅ राहुकाल - सुबह 07:36 से सुबह 09:15 तक
⛅ सूर्योदय - 05:31
⛅ सूर्यास्त - 19:04
⛅ दिशाशूल - पूर्व दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण - देवशयनी एकादशी, चातुर्मास व्रतारम्भ, पंढरपुर यात्रा
💥 विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है lराम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
💥 आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
💥 एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
💥 एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं ।
💥 जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 पुण्यदायी तिथियाँ 🌷
➡ २३ जुलाई : देवशयनी एकादशी ( महान पुण्यमय, स्वर्ग एवं मोक्ष प्रदाता तथा पापनाशक व्रत| ), चतुर्मास व्रतारंभ
➡ २७ जुलाई : गुरुपूर्णिमा, विद्यालाभ योग, खग्रास चन्द्रग्रहण
➡ ३१ जुलाई : मंगलवारी चतुर्थी (सुबह ८-४४ से १ अगस्त सूर्योदय तक )
➡ ८ अगस्त : कामिका एकादशी (व्रत व रात्रि-जागरण करनेवाला मनुष्य न तो कभी भयंकर यमराज का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है |)
➡ १० अगस्त : गुरुपुष्यामृत योग (प्रात: ५-४४ से सूर्योदय तक )
➡ १४ अगस्त: मंगलवारी चतुर्थी ( सूर्योदय से १५ अगस्त प्रात: ३-३० तक )
➡ १७ अगस्त : विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल : सुबह ६-५२ से दोपहर १-१६ तक ) (विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है |- पद्म पुराण )
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🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
🌷 चतुर्मास विशेष 🌷
➡ आषाढ़ शुक्ल एकादशी (23 जुलाई, सोमवार) से कार्तिक शुक्ल एकादशी (19 नवम्बर, सोमवार) तक भगवान विष्णु गुरुतत्व में गुरु जहाँ विश्रांति पाते हैं, ऐसे आत्मदेव में भगवान विष्णु ४ महीने समाधिस्थ रहेंगे | उन दिनों में शादी विवाह वर्जित है, सकाम कर्म वर्जित है|
✅ ये करना
🙏🏻 जलाशयों में स्नान करना तिल और जौं को पीसकर मिक्सी में रख दिया थोड़ा तिल जौं मिलाकर बाल्टी में बेलपत्र डाल सको तो डालो उसका स्नान करने से पापनाशक स्नान होगा प्रसन्नतादायक स्नान होगा तन के दोष मन के दोष मिटने लगेंगे | अगर “ॐ नमःशिवाय” ५ बार मन में जप करके फिर लोटा सिर पे डाला पानी का, तो पित्त की बीमारी,कंठ का सूखना ये तो कम हो जायेगा,चिड़चिड़ा स्वभाव भी कम हो जायेगा और स्वभाव में जलीय अंश रस आने लगेगा | भगवान नारायण शेष शैय्या पर शयन करते हैं इसलिए ४ महीने सभी जलाशयों में तीर्थत्व का प्रभाव आ जाता है |
🙏🏻 गद्दे हटा कर सादे बिस्तर पर शयन करें संत दर्शन और संत के जो वचन वाले जो सत्शास्त्र हैं, सत्संग सुने संतों की सेवा करें ये ४ महीने दुर्लभ हैं |
🙏🏻 स्टील के बर्तन में भोजन करने की अपेक्षा पलाश के पत्तों पर भोजन करें तो वो भोजनपापनाशक पुण्यदायी होता है, ब्रह्मभाव को प्राप्त कराने वाला होता है |
🙏🏻 चतुर्मास में ये ४ महीनों में दोनों पक्षों की एकादशी का व्रत करना चाहिये |१५ दिन में १दिन उपवास १४ दिन का खाया हुआ जो तुम्हारा अन्न है वो ओज में बदल जायेगा ओज,तेज और बुद्धि को बलवान बनायेगा १ दिन उपवास एकादशी का |
🙏🏻 चतुर्मास में भगवान विष्णु के आगे पुरुष सूक्त का पाठ करने वाले की बुद्धि का विकास होता है और सुबह या जब समय मिले भ्रूमध्य में ओंकार का ध्यान करने से बुद्धि काविकास होता है |
🙏🏻 दान, दया और इन्द्रिय संयम ये उत्तम धर्म करने वाले को उत्तम लोकों की प्राप्ति होती है|
🍏 आंवला-मिश्री जल से स्नान महान पुण्य प्रदान करता है |
❌ ये न करना
💰 इन ४ महीनो में पराया धन हड़प करना, परस्त्री से समागम करना, निंदा करना, ब्रह्मचर्य तोड़ना तो मानो हाथ में आया हुआ अमृत कलश ढोल दिया निंदा न करे, ब्रह्मचर्य का पालन करे, परधन परस्त्री पर बुरी नज़र न करें |
🍶 ताम्बे के बर्तन में भोजन नहीं करना चाहिये पानी नहीं पीना चाहिये |
🕵🏻♀ चतुर्मास में काला और नीला वस्त्र पहनने से स्वास्थ्य हानि और पुण्य नाश होता है |
🙏🏻 परनिंदा महा पापं शास्त्र वचन :- “परनिंदा महा पापं परनिंदा महा भयं परनिंदा महा दुःखम तस्याम पातक न परम”
🙏🏻 ये स्कन्द पुराण का श्लोक है परनिंदा महा पाप है, परनिंदा महा भय है, परनिंदा महा दुःख है तस्याम पातक न परम उस से बड़ा कोई पाप नही | इस चतुर्मास में पक्का व्रत ले लो कि हम किसी की निंदा न करेंगे |
😖 असत्य भाषण का त्याग कर दें, क्रोध का त्याग कर दें,
🍧 बाजारू चीजें जो आइसक्रीम है, पेप्सी, कोका- कोला है अथवा शहद आदि है उन चीजों का त्याग कर दें चतुर्मास में, स्त्री-पुरुष के मैथुन संग का त्याग कर दें|
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🌞 ~ अपना पंचांग ~ 🌞
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