18 मई 2019
यूँ सिर्फ अर्शी ख़्वाबों में ना रहा कीजे, ज़मीने हक़ीक़त को भी जान लीजे. शक तेरी ख़ूबसूरती पर नहीं कोई, मेरी आश्कि को भी कुछ जान लीजे. अर्सए दराज़ ना रहेगी खूबसूरती तेरी, अर्सए हश्र तक रहेगी यूँ आश्कि मेरी. (आलिम)