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अभी तक याद है

4 नवम्बर 2022

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******* अभी तक याद है *******

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हमें  बीता जमाना अभी तक याद है।

मंद मंद मुस्कराना अभी तक याद है।


हया में पलकें झुका चोरी से ताकना,

होठों  को दबाना  अभी  तक याद है।


हवा के साथ-साथ लटों को खोलना,

खुले केश सुखाना अभी तक याद है।


हटे कभी भी न नज़र चेहरा चाँद सा,

मुखड़ा  मस्ताना  अभी  तक याद है।


तेरे कूचों से गुजरता रहा  मनसीरत,

बहाने  से बुलाना  अभी तक याद है।

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सुखविंद्र सिंह मनसीरत

खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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चोरी चोरी नजरें मिली

4 नवम्बर 2022
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चोरी-चोरी जब नजरें मिली ********************** चोरी-चोरी जब नजरें मिली। तन-बदन मे  थी आग लगी। खिला दिल का कोना-कोना, पिया मिलन की आस जगी। यौवन की रुत बड़ी हरी-भरी, प्यासे  मन  की  प्यास  ब

2

अभी तक याद है

4 नवम्बर 2022
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******* अभी तक याद है ******* **************************** हमें  बीता जमाना अभी तक याद है। मंद मंद मुस्कराना अभी तक याद है। हया में पलकें झुका चोरी से ताकना, होठों  को दबाना  अभी  तक याद है।

3

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7 नवम्बर 2022
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24 नवम्बर 2022
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26 नवम्बर 2022
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*** तुम से कोई महबूब नहीं है *** *************************** तुम सा  कोई  प्यारा महबूब नहीं है, तुम बिन कोई हमारा कबूल नहीं है। जी लेंगे  तेरी  यादों के साये में हम, तुम गर करो  किनारा  भूल नही

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महबूब हीहै

26 नवम्बर 2022
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*** तुम से कोई महबूब नहीं है *** *************************** तुम सा  कोई  प्यारा महबूब नहीं है, तुम बिन कोई हमारा कबूल नहीं है। जी लेंगे  तेरी  यादों के साये में हम, तुम गर करो  किनारा  भूल नही

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26 नवम्बर 2022
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