shabd-logo

प्रेम

24 नवम्बर 2022

3 बार देखा गया 3

*********** प्रेम दोहावली ***********

**********************************


खड़ी  पिया  हूँ  बाट  में,आइए   जी हुजूर।

पलकें  भी   झपकीं  नही,नयन हुए हैं चूर।।


प्रेयसी   जिद्द  पर  अड़ी , देती  है  सफाई।

जिस  संग  है  प्रीत लड़ी ,वो  हुई  हरजाई।।


चाँद - चकोरी  रूप है, मर मिट जाऊं रोज।

आंगन आकर जो खिले,हो जाए फिर मौज।।


बाट   जोहू   राह  खड़ा , गौरी  होगी  पास।

उम्मीद पर है जग टिका,बुझेगी कभी प्यास।


देखा  है  जिस  रोज से ,बिगड़ें  हैं  हालात।

देर हुई किसी और की,बिगड़ी  बनती बात।।


पल-पल है मुश्किल हुआ,सीने लगी है आग।

रूहों   में  जंग  छिड़ी,छिड़ा  प्रेम  का   राग।।


मनसीरत  किस  से  कहे, हृदय मे बंद राज।

प्रेम  दर्द को  सह रहा,काबू  में  नहीं  बाज।।

*********************************

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

खेड़ी राओ वाली

सुखविंद्र सिंह मनसीरत की अन्य किताबें

1

चोरी चोरी नजरें मिली

4 नवम्बर 2022
0
0
0

चोरी-चोरी जब नजरें मिली ********************** चोरी-चोरी जब नजरें मिली। तन-बदन मे  थी आग लगी। खिला दिल का कोना-कोना, पिया मिलन की आस जगी। यौवन की रुत बड़ी हरी-भरी, प्यासे  मन  की  प्यास  ब

2

अभी तक याद है

4 नवम्बर 2022
0
0
0

******* अभी तक याद है ******* **************************** हमें  बीता जमाना अभी तक याद है। मंद मंद मुस्कराना अभी तक याद है। हया में पलकें झुका चोरी से ताकना, होठों  को दबाना  अभी  तक याद है।

3

जीवन की जागीर

7 नवम्बर 2022
0
0
0

**जीवन की जागीर ** ****************** मेरी  तुम   तकदीर हो, जीवन  की जागीर हो। शोभन  बारे  क्या कहूँ, परियों  सी  तस्वीर हो। हाथों  की  रेखा  तुम्हीं, राँझे  की  तुम  हीर हो। सुंदर तन

4

प्रेम

24 नवम्बर 2022
0
0
0

*********** प्रेम दोहावली *********** ********************************** खड़ी  पिया  हूँ  बाट  में,आइए   जी हुजूर। पलकें  भी   झपकीं  नही,नयन हुए हैं चूर।। प्रेयसी   जिद्द  पर  अड़ी , देती  है  

5

मन रोता है

24 नवम्बर 2022
0
0
0

कभी-कभी  मन रोटा है ******************* कभी ना कभी मन रोता है, औरों  का  बोझा  ढोता है। जागता रहता है दिन- रात, कभी नहीं दो पल सोता है। बोए शूल  फूल उगते नहीं, काटता  वही जो  बोता है।

6

तुम सा कोई महबूब नही है

26 नवम्बर 2022
0
0
0

*** तुम से कोई महबूब नहीं है *** *************************** तुम सा  कोई  प्यारा महबूब नहीं है, तुम बिन कोई हमारा कबूल नहीं है। जी लेंगे  तेरी  यादों के साये में हम, तुम गर करो  किनारा  भूल नही

7

महबूब हीहै

26 नवम्बर 2022
0
0
0

*** तुम से कोई महबूब नहीं है *** *************************** तुम सा  कोई  प्यारा महबूब नहीं है, तुम बिन कोई हमारा कबूल नहीं है। जी लेंगे  तेरी  यादों के साये में हम, तुम गर करो  किनारा  भूल नही

8

सावन झडी

26 नवम्बर 2022
0
0
0

*लगी नैनों में सावन झड़ी* ********************* लगी नैनों  में  सावन  झड़ी, गौरी जिद्द पर अपनी अड़ी। खिलौना जान  कर है तोड़ा, किया नहीं  तरस  भी थोड़ा, टूटे दिल की कीमत है बड़ी। लगी  नैनों  में स

9

गुनगनी धूप सा बदन तेरा है

26 नवम्बर 2022
0
0
0

गुनगनी धूप सा बदन तेरा है ********************** गुनगनी धूप सा बदन तेरा है, मेघों  सा बरसता मन मेरा है। देखूं इक झलक है चैन आए, रात के बाद जैसे हो सवेरा है। गेसुओं की छांव बैठूँ पलभर, दिल

---

किताब पढ़िए