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संत श्रेष्ठ श्री नागरी दास जी ने कहा है इश्क गली महबूब कि यहां ना आवे कोय। आवे सो जीवे नहीं जीवे सो बौरा होय। प्रेम के रास्ते पर जो आता है वह पागल हो जाता है और इस रास्ते पर जीने वाला हर इंसान पा