आरुही ने देव की तरफ एक पैकेट बढ़ाया ओर बोली इसे पहन लो देव उसकी तरफ सवालिया नजरो से देख रहा था उसके सवाल तो आरुही समझ गयी पर ओ नजर अंदाज कर के चेंग करने लगी उसके जाते ही देव बाहर देखने लगा जब बाहर उसे कुछ ऐसा नजर आया जो कि देख ओ आरुही की दी हुई पैकेट लेकर आरुही जहा गयी थी उसी ओर भागा।।
देव : अरु की बच्ची मुझे मरवाने का प्लेन बनाया है एक तो तेरे चक्कर मे शेखावत जी के सारे लोग मेरे खिलाफ हो गए है ऊपर से ये भी नही पता कब कौन सी गोली मेरा इंतजआर कर रही है।।
आरु : तू चाहे तो अब भी जा सकता है
देव : अभी वपश जाउ ताकि मेरुई लास भी न मिले
आरुही : तो चुप चाप जो बोल रही हु आ कर दोनो चेंज करके आकर बैठ गए दोनो को किसी ने नही पहचाना
फनाली आरुही का अपने प्यार अम्बर को ढूंढने की सफर की सुरुआत हुई और कुछ क्या परेशानिया आएगी उनके रास्ते मे🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗🤗