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जाड़ों का मौसम 

24 नवम्बर 2021

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जाड़ों का मौसम 
भोर का धुंधलका 
अभी छाया हुआ है,
सूर्योदय में 
अभी देर है,
और मैं चल पड़ा हूं
पेड़ों से लिपटे 
कोहरे से बतियाने,
शाखाओं पर ठहरी
ओस को छुने, 
कलियों पर ठहरे 
रजत कणों से खेलने,
मैं लौटूंगा 
शीतल सूर्यदेव के 
सौन्‍दर्य को निहारते हुवे
गुनगुनी 
गुलाबी धूप से सजी 
पगडंडी पर चलते हुवे कि 
आ गया है
जाड़ों का मौसम,
मेरा प्रिय 
मेरा मनभावन 
जाड़ों का मौसम ।
.......
माणक चन्‍द सुथार, बीकानेर।

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

वाह नायब पंक्तियां लिखी आपने

25 नवम्बर 2021

Manak Chand Suthar

Manak Chand Suthar

27 नवम्बर 2021

हार्दिक आभार जी..._/\_

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

बहुत खूब 👌👌👌

24 नवम्बर 2021

Manak Chand Suthar

Manak Chand Suthar

25 नवम्बर 2021

हार्दिक आभार जी..._/\_

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रचनाएँ
भावाभिव्यक्ति
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हर इन्सान के हृदय में भावों का झरना बहता है । इन भावों की शब्दों में अभिव्यक्ति ही कविता है । सरल व आम प्रचलित शब्दों में अपने भावों को व्यक्त करने का प्रयास है मेरी कविता...🙏

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