कुछ लफ्ज मिल जाते मुझे कहीं भी,
कुछ मन से लिख लेता हूँ अल्फाज मै।
कभी पढ़ता हूँ आँखे और मन किसी के,
कभी पढ़ लेता हूँ किताब मै।
27 जुलाई 2022
कुछ लफ्ज मिल जाते मुझे कहीं भी,
कुछ मन से लिख लेता हूँ अल्फाज मै।
कभी पढ़ता हूँ आँखे और मन किसी के,
कभी पढ़ लेता हूँ किताब मै।