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इंद्रधनुषके रंगों से रची ,प्रभु तुम्हारी सृष्टि रंगीन , धरा पर फैली हरियाली , मन को करती नित - नवीन। नित सुबह सूर्य , हर जन को नयी उम्मीद दे जाता है , हर प्राणी के उर में आशा का भाव जगाता