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अलविदा

11 सितम्बर 2021

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गलियो से हमारी वो,

जो रुकसत यू हो गये,

हम बैठे रह गये इंतज़ार मे उनके

और वो क्यो अलविदा कह गये?????

हंसना हमने उनसे सिखा,

आज उनके  बिना सिखाए,

हम क्यो रोना सीख गये????

और वो क्यो अलविदा कह गये??¿???


सिक्के सी जो खनक थी मुझमे,

शगुन का सिक्का कहते कहते,

वो हमको क्यो खोटा कह गये????

और वो क्यो अलविदा कह गये?????


लौ बनकर रोशन थे हम,

दिये से झलते झलते हमको,

वो क्यो जलता छोड़ गये?????

और वो क्यो अलविदा कह गये????


आज भी पुछा मैने उनसे

आने का फिर कहकर,

वो क्यो झूठी तसल्ली दे गये???????

और वो क्यो अलविदा कह गये???????


इस बार भी हम चुप्पी से ऐसे,

आखिर तक  कतार मे रह गये,

वो क्यो  मूरत पत्थर की बन???????

पूजा किसी और  की सह गये???????

और वो क्यो अलविदा कह गये?????


S.k.Chouhan. 🙏🙏


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