shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

कैसी बारिशे?? 🌧🌧 part-1

Sushma

0 अध्याय
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
निःशुल्क

आज फिर उसकी याद आ रही है।क्या करू।वो बारिश जब मैंने पहली बार देखा उसे।6ft का थोड़े लंबे से बाल।और रंग वही जिसपर गोपिया मर मिटती थी। यह बात हाल ही की है।शाम के लगभग 6:30 बज रहे थे।कल function होने वाला था college में।और मै और मेरी bestie अकेली रह गई थी।sound का arrangements मुझे ही करना था।आखिर पहली मोहब्बत है मेरी मेरा music।ईशु क्या हुआ???यार श्रुति call आ रहा घर से।मैने कहा जा मै देख लूंगी सब।एक ही friend थी।उसके भी घर से call आया और वो चली गई।कोई नी।मन को बहलाया।अब डर भी लग रहा था।list mam के drawer मे रखी।और फटाफट घर के लिए निकली।बारिश बढ़ रही थी। अरे यार ये इस phone को भी अभी ही। अब घरवाले सब परेशान हो रहे होंगे।मैंने सोचा भागो बेटा अब जल्दी।  पैदल चलते कदम आज थक रहे थे।सुबह से लगी थी,तो यह तो होना ही था।कोई दिखा भी नही तो डर और बढ़ा और कदम तो जैसे पुछो मत।इतनी रफ्तार बाप रे।लगभग आधा घंटे से चले जा रही थी।और सात बज चुके थे।तब उसे मैंने पहली बार देखा वो shade मे अपने बालो मे हाथ डाल कर उन्हें पीछे कर रहा था बड़े थे, तो और भीग भी चुका था।मै क्यो देख रही उसको?? शायद कोई दिखा इसलिए ठिक लगा पर कदम बढ़े पर पीछे भी हट रहे थे।मै वही दूरी पर रूक गई। कुछ सोचने लगी।अचानक उसने कहा।अरे भीग क्यो रहे हैं?? shade मे आ जाइए। बहुत तेज़ है बारिश।लगता है आज तो झील भर ही जाएगी। वो कहने लगा।मैने कुछ reply नही किया। उसको अनसुना कर आगे बढ़ने लगी। उसने कहा मोहतरमा डरिए मत‌। यह कुछ की वजह से लड़कीया सबसे डरती है।(मन ही मन बारिश को कोसने लगी आज ही क्यों??)हालाकि मुझे बारिश पसंद थी।पर आज डर लग रहा था।और बिजलिया ऊपर से।ऐसे डरा रही थी आज जैसे अपनी बचपन की दोस्त और कौन मुझे😁 भूल गई हो।एक दम से बिजली कड़की और...................🙏🙏🙏🙏 

0.0(0)

पुस्तक के भाग

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए