वीरो की धरती
आओ हम चले वहा जहा पर वीर अनेक हुए गांधी सुभाष टैगोर और रानी ललछमी जैसे नेक हुएआओ हम चले वहा जहा पर वीर अनेक हुए मरू की भूमि पर देखो लहू के रंग बहे एक लहू था काला सा और एक अवरक्त बहे राणाप्रताप औरमानसिंह जैसे बाहुबली थे हुए सुख की शैय्या छोड़ और