क्या करे बात इश्क की उनकी, कितना प्यार मुझसे करते है.
बात कहने की ज़रूरत ही नहीं, मेरे इशारों को वो समझते है.
ना समझे वो इशारा तो, हम बात उनकी को अपनी मान लेते है.
बात मन की उनकी यारों, अब हमें तो अपनी बात लगती है.
इश्क एक तरफा होता नहीं यारों, वो कहते है, हम सुन लेते है.
अमन घर का गर चाहिए आलिम उनकों ही ख़ुदा मान लेते है. (आलिम)