निःशुल्क
आंखों में रौशनी की ये गुलनार अज़ब हैहो किसकी साये में की ये बहार अज़ब हैकिसी की हुस्न पे की क्यों आये ये क़हरख़ुद की क़ानून से की ये संसार अज़ब हैतेरे हर इक सवालों का करूं मैं अज़बरआज़ तेरी मुलाक़ात क