दानिय्येल की पुस्तक के दूसरे अध्याय में नबूकदनेस्सर के विचित्र स्वप्न का वर्णन किया गया है। उस स्वप्न को वह भूल गया जिसके कारण वह विचलित हो गया। उसकी नींद में व्यवधान पहुंचा। उसने अपने ज्योतिषियों और टोहनों को आज्ञा दी कि वे उसके स्वप्न और उसके अर्थ को बताएं और उन्हें धमकी दी कि यदि वे ऐसा ना करें तो वे टुकड़े टुकड़े करके काट डाले जाएंगे और उनके घर फुंकवा दिए जाएंगे। उनको काट डालने की उसकी धमकी कितनी विचित्र लगती है। क्या उसके भुलक्कड़पन के लिए उन्हें दोष देना उचित है? आज के दिन भी बहुत से नबूकदनेस्सर हैं जो प्रभु के द्वारा दिए हुए स्वप्न या स्वर्गीय दर्शन को भूल जाते हैं। स्वर्ग के परमेश्वर ने राजा को राज्य सामर्थ शक्ति और महिमा दी *(दानी 2:37,38)* हमारे परमेश्वर ने हमें और भी बड़े राज्य सामर्थ शक्ति महिमा और प्रताप की प्रतिज्ञा दी है। हमारी स्वर्गीय बुलाहट बाबुल के राजा के स्वप्न से भी अधिक महत्वपूर्ण है। यदि हम अपने स्वर्गीय बुलाहट को भूल जाएं, तो हम भी उस राजा के समान निर्दोष लोगों को टुकड़े टुकड़े कर देने का प्रयास करेंगे। नबूकदनेस्सर वास्तव में अपने स्वप्न को भूल गया परन्तु आधुनिक नबूकदनेस्सर सुविधानुसार दर्शन या बुलाहट को भूल जाने का प्रयत्न करते हैं कि वे अपने आग्रह और योजना को पूरा कर सकें। हम भी अधिक देर होने से पहले ही अपने दर्शन को नया करें और स्वर्गीय बुलाहट का उत्तर दे। दानिय्येल के लिए परमेश्वर का धन्यवाद हो। वह यत्न से परमेश्वर की खोज करता रहा जब तक कि स्वप्न और उसका अर्थ प्रगट नहीं हुआ। उसने राजा को उसके स्वप्न के बारे में स्मरण कराया और उसका अर्थ भी उसे बता दिया। जिसके द्वारा बहुत से लोग मार डाले जाने से बचाए गए। हमें दानिय्येलों की आवश्यकता है, जिनका निवास मनुष्यों (शरीर) के संग नहीं हैं- जिन्होंने अपने शरीर को मार डाला है। ऐसे संत ही परमेश्वर के लोगों के खोए हुए दर्शन को वापस स्मरण कराने में सहायक हो सकते हैं। केवल ये ही एक आत्मिक तबाही को टाल सकते हैं जो आज आत्मिक संसार को धमका रहा है।