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पत्नी की कमी तब खलती है

25 अक्टूबर 2022

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article-imageजिंदगी भर पत्नी के काम में कमियाँ गिनाने 
वाले पुरुष की अक्ल ठिकाने तब आती है, 
जब वह चली जाती है और वापस लौट
कर नहीं आती है। 
तब उसे उसकी मेहनत नजर आती है
और अपने पर ही खिन्न आती है।। 

जब कमीज की कालर और बाहों की मैल छुटाये भी नहीं छूटती है,
तब उसे पत्नी की कपड़े धोने में होने
वाली मेहनत महसूस होती है। 
वह कितनी 'परिश्रमी' थी यह बात उसे 
तब सहज ही समझ आ जाती है।। 

जब छत पर लगे जाले व आँगन की धूल
अपने हाथों से हटाई जाती है, 
और मुड़कर पीछे देखने पर फिर गंदगी नजर आती है। 
तब उसे "तुम ऐसे ही सफाई करती हो क्या" कहने 
वाली अपनी आदत पर शर्म आती है।। 

भार्या की कमी उसे तब अखरती है, 
जब घर में देर से आने पर रोटियां ठंडी मिलती हैं 
या अपने हाथों बेलनी पड़ती हैं। 
और उसे रसोई में चूड़ियों की खनक सुनाई नहीं देती है।। सब्जियों में उसकी पसंद का जायका नहीं रहता
और 'मुझे यह पसंद नहीं' सुनने वाली नहीं रहती है।। 

वामांगनी की कमी तब और भी खलती है
जब रात को बच्चे को कोई परेशानी हो जाती है। 
अपने हाथों से उसका सिर सहलाते
और दवा देते आँखों की नींद उड़ जाती है।  
"तुम कितनी लापरवाह हो" तब यह सुनने वाली नहीं रहती है।। 

वनिता की कमी का अहसास तब होता है, 
जब घर में कोई मेहमान होता है। 
खुद को ही भाग-भाग कर चाय नाश्ता लाना पड़ता है
और "अरे एक गिलास पानी और लाना" का फरमान नहीं चलता है।। 

एक अर्द्धांगिनी की कमी तब महसूस होती है
जब उसकी रात बिस्तर पर में अकेले कटती है। 
करवट बदलता रहता है पर बगल में
हाथ धरने पर जगह खाली मिलती है।। 

एक जीवन संगिनी की कमी तब खलती है, 
जब त्यौहार के अवसर पर कुछ नया दिलाने
की अब नहीं ठनती है। 
अंत में जब झुकते थे कुछ दिलवाने को 
और ''अब और बाद में देख लेना" कहने की 
जरूरत नहीं पड़ती है।। 

एक प्रियतमा की कमी तब अखरती है
जब कोई पुरुष गहरी चिंता से घिरा होता है,
सिर पकड़ कर निपट अकेला रोता है। 
और ''चिंता न करो सब ठीक हो जायेगा" कहकर
उसके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं होता है।। 

 
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भारती

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बेहतरीन प्रस्तुति 👌👌

16 नवम्बर 2022

लिपिका भट्टी

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वाह बहुत खूब बहुत ही सुंदर और दिल छूने वाली रचना लिखी है आपने 🙏

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मेरी इस पुस्तक में मैंने मेरे भावों को शब्दों में पिरोया है। मैं एक शिक्षक का दायित्व निभाते हुए जीवन में जो अनुभव ले पाया उन्हीं अनुभवों और अहसासों को मैंने यहाँ मेरी रचनाओं में उकेरा है। आशा है आप सभी सुधी पाठकों को मेरा यह प्रयास पंसद आयेगा। कृपया अपने अमूल्य सुझाव और विचार समीक्षा में अवश्य लिखें।
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