Ãviñaåsh Rãj
ख़ुद को मैं खुद कभी जान नही पाया,,,
बढ़ती उम्र का इश्क
छोड़ो ना❤️ ये सफेद बालों की फ़िक्र कोई तो होगा, जो तुम्हारी सिर्फ माथे की बिंदी पर मरता होगा. छोड़ो ना बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र। कोई तो होगा, जो सिर्फ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता होगा।। छोड़ो ना ये गालों पे आने वाली सिलवटों की फ़िक्र। कोई तो होगा, जो
बढ़ती उम्र का इश्क
छोड़ो ना❤️ ये सफेद बालों की फ़िक्र कोई तो होगा, जो तुम्हारी सिर्फ माथे की बिंदी पर मरता होगा. छोड़ो ना बढ़ते हुए वज़न की फ़िक्र। कोई तो होगा, जो सिर्फ तुम्हारे खूबसूरत दिल पे मरता होगा।। छोड़ो ना ये गालों पे आने वाली सिलवटों की फ़िक्र। कोई तो होगा, जो
अनु
तुमने प्रेम को सौन्दर्य कहा, आकर्षण मात्र... मैंने कहा प्रेम नहीं सिर्फ़ स्पर्श, वह है अनुभूति.. वही जहां देह अपनत्व का भाव चाहती है, जैसे नदी के किनारे के पत्थर का साथ भावनात्मक हाथ.... तुमने प्रेम को शब्द दिए, अनचाही सोच के साथ यूं ही, तुमने कह
अनु
तुमने प्रेम को सौन्दर्य कहा, आकर्षण मात्र... मैंने कहा प्रेम नहीं सिर्फ़ स्पर्श, वह है अनुभूति.. वही जहां देह अपनत्व का भाव चाहती है, जैसे नदी के किनारे के पत्थर का साथ भावनात्मक हाथ.... तुमने प्रेम को शब्द दिए, अनचाही सोच के साथ यूं ही, तुमने कह