ज़मीनो आसमा
आसमान को भी ज़मी कीये खबर कर देंकहो तो ज़मीनो आसमाइधर उधर कर देंबात दिल मे आती हैऔर डर भी साथक्या जाने की लोगमुझको किधर कर देंमोहब्बत में मकाम आयेजरूरी तो नहीक्यूँ न मोहब्बत कोरास्ते का सफर कर देंहै नफरत का सबब वोतो क्या करेंलगायें आग दुनिया कोसिफर कर देंबैठा है महफ़िल मेंडरा जाता है दिलकहीं न लोग पहचा