80 के दशक में मायके गयी पत्नी अपने पति को खत तो लिखती पर किससे लेटर बाक्स में डालने को कहे इसी संकोच में तकिया के नीचे दबा दी दूसरे दिन उसके पति मायके आ गये और पत्र पढकर बहकने लगे। तुम्हें लिखते
एक पुराना जमाना था, जब चिट्ठियाँ और पोस्टकार्ड्स हमारे दिल की आवाज़ बनते थे। ये सिर्फ कागज़ नहीं थे, बल्कि उन पर लिखे हर शब्द एक गहरी दास्तान बयां करते थे। उस दौर में हर चिट्ठी एक रिश्ते की गवाही थी,
पत्र, क्या पत्र लिखूँ कि मेरी पढ़ाई अच्छी चल रही है । परीक्षा की तैयारी में जुट गया हूँ। आपका भेजा अचार मुझे अच्छा लगा। सबको मेरा प्रणाम! क्या पत्र लिखूँ कि मै बर्फीले पहाड़ों के ब
आज का टॉपिक देखहमें वह जमाना याद आया,वह दिन रंगते जुनून का सोच अजीब सा नशा छाया खो गए उन पुरानी यादों में जब अक्सर बातें हुआ करती थी वादों मेंतब बातें नहीं अक्षर बयां करते थे प्या