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बाल्मीकि आश्रम

21 जनवरी 2024

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रामदर्शन ********
यह सतना चित्रकूट मार्ग पर आरोग्यधाम के आगे रास्ते मे है ।यह एक संग्रहालय है यहां राम जी व रामायण काल से सम्बंधित वस्तुये है ।एक चित्रगैलरी मे बिजलीचालित रामायण कथा दिखाई जाती है । यहां चाइनीज व इंडोनेशिया रामायण भी रखी हुई है इस संग्रहालय का प्रवेश शुल्क ₹10 है ।

यहां का बगीचा बहुत ही भव्य है जिसमें नीलकमल जैसे दुर्लभ प्रजाति के पुष्प हैं नवग्रह वाटिका भी है व आयुर्वेदिक पौधशाला है । बगीचे में हनुमान जी की  विशाल प्रतिमा है ।
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पम्पापुर*******
चित्रकूट से मात्र 5 किमी दूरी पर देवांगना घाटी मे पम्पापुर स्थान है ।यहां पर भगवान राम के वनवास काल से सम्बंधित बहुत सी  असमतल प्राचीन प्राकृतिक गुफाएं हैं ।यह ऐतिहासिक व प्राकृतिक प्रेमी सैलानियों के लिए  बहुत अच्छी जगह है ।
बाल्मीकि आश्रम ******
कर्बी इलाहाबाद मार्ग में लगभग 32 किलोमीटर पूर्व में स्थित यहां श्री बाल्मीकि जी का आश्रम है । पहाड़ पर अनेकों कलाकृति उकेरे ब्राह्मी लिपि लिखे हुए प्रस्तरखंड मिलते हैं । कहा जाता है कि यहीं आदि कवि ने आदि काव्य रामायण की रचना की थी । 

वनवास काल में श्री रामचंद्र जी उनके आश्रम में दर्शन कर अपने लिए निवास के लिए स्थान उन्हीं से पूछा था तब श्री महर्षि ने चित्रकूट में रहने को बताया था मानस में कवि ने कहा है 
चित्रकूट गिरि करहु निवासू  ।
जहं तुम्हार सब भांति सुपासू ।।

यहां एक छोटी सी पहाड़ी है इस गाँव को लालापुर के नाम से जाना जाता है ।कहते हैं यहां आशांबरा माता देवी जी की मूर्ति है। सीता रसोई भी यहीं  है ।सीता जी निर्वासन के समय बाल्मीकि आश्रम मे ही रहीं थीं वह गर्भवती थीं। 

यहीं लव कुश भी पैदा हुए थे उनकी शिक्षा-दीक्षा मुनि के मार्गदर्शन मे ही हुयी थी । पूरा महर्षि रचित रामायण कंठस्थ कर अयोध्या दरबार मे जाकर सुनाई थी ।चर  के पास के गांव झुकेही से निकली तमसा नदी इस आश्रम के पास बहती है सिरसर के पास यह यमुना में मिलती है यहां चंदेल कालीन निर्मित कराया मंदिर है ।

गणेश बाग कर्बी*********
यह कर्बी से 3 किलोमीटर दूर दक्षिण की तरफ है ।इस स्थान का निर्माण बाजीराव पेशवा द्वारा कराया बताया जाता है । यह स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है यहां खजुराहो शैली जैसे कामसूत्र के अनेकों भित्ति चित्र चित्रांकित हैं ।

पंच  मंजिला बने मंदिर के शिखर में बने हुए हैं । यहां  योग भक्ति व काम तीनों का अद्भुत समन्वय देखा जा सकता है ।मंदिर के सामने एक तालाब है थोड़ी दूर पर एक पांच खंड की बावली है ।

इस बावली के चारखंड भूमिगत हैं । केवल ग्रीष्म ऋतु में जब पानी नहीं होता तभी यह दिखाई पड़ते हैं । पेशवा कालीन राज महल वर्तमान कोतवाली से गणेश बाग तक गुप्त रास्ता बना था जो पारिवारिक सदस्यों के आने-जाने में प्रयोग किया जाता था ।
       जय श्रीराम ***
                


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रचनाएँ
पावन चित्रकूट
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प्रस्तावित पुस्तक में मैने अपनी भावी पीढ़ी को कहानी के माध्यम से ऐतिहासिक ,धार्मिक स्थल चित्रकूट के बारे में जानकारी देते हुए अपनी संस्कृति से परिचित कराने का छोटा सा प्रयास किया है ।आपको यह कोशिश कैसी लगी समीक्षा देकर अपने विचार अवश्य बतायें। चित्रकूट भारत के सबसे प्रसिद्ध प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है । आइये पुस्तक में अवलोकन करते हैं परम पावन रमणीय चित्रकूट के दर्शनीय स्थलों का । " जय श्रीराम"
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महिमा चित्रकूट की (1)

11 जनवरी 2024
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दादी जी दादी जी!! "आज आप हमें चित्रकूट के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं वहां ऐसी क्या विशेषता थी कि भगवान राम जी ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल के 12 वर्ष वहीं बिताये"?जरूर कृष्णा बेटा आज तुम स

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दर्शनीय स्थल (2)

11 जनवरी 2024
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इसी चित्रकूट में श्री रामचंद्र जी ने माता पिता द्वारा दिये गये 14 वर्ष के वनवास में 12 वर्ष यहीं गुजारे थे।महर्षि अत्रि व पत्नी अनुसूया की यह पवित्र तपोस्थली थी । यह धर्म की नगरी कही जाती

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पावन पवित्र स्थल

12 जनवरी 2024
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मन्दाकिनी नदीनदी के विहंगम दृश्यों पर नजर डालने से यहां के घाट बनारस की याद ताजा कर जाते हैं । यहां शाम को बनारस की ही तरह आरती और कीर्तन होते है ।दीपावली अमावस की काली रात मे प्रज्वलित दी

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प्रमुख और रमणीय स्थल

12 जनवरी 2024
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मुख्य देव कामदगिरि *****कामद गिरि की विशेषता है कि यह हर ओर से देखने मे धनुषाकार ही दिखता है।यह चित्रकूट का सबसे प्रमुख स्थान है ।इसका कामदगिरि के नाम से संरक्षण ट्रस्ट भी है । यह भगवान के

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चित्रकूट में भरत-लक्ष्मण

12 जनवरी 2024
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भरत मिलाप *********बच्चो रामचन्द्र जी पिता की आज्ञा मानकर 14 वर्ष को पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ वन को चले जाते अयोध्या में कैकेयी पुत्र भरत व सुमित्रा नन्दन शत्रुघ्न लौटकर

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चित्रकूट में जानकीकुंड

16 जनवरी 2024
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जानकीकुंड ********रामघाट से 2 किलोमीटर मंदाकिनी नदी के किनारे (जनक सुता होने के कारण सीता जी को जानकी भी कहा गया है) मान्यता है सीता जी यहां स्नान करती थी ।जानकी कुंड में रामभद्राचार्य जी जो तुलसी पीठ

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अनुसूया आश्रम व गुप्त गोदावरी

16 जनवरी 2024
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ये दोनो स्थान चित्रकूट के चारधाम के अन्तर्गत आते है ।अनुसूया आश्रमजानकीकुंड से 14 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों से घिरा यह स्थान है । पहले बहुत निर्जन होने के कारण यहां पर लोग अकेले नहीं जाते थे । यह

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संकर्षण गिरि में हनुमानधारा

16 जनवरी 2024
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कामदगिरि के पूर्व दिशा में एक संकर्षण गिरि है ।इसी पहाड़ी के शिखर पर स्थित हनुमान धारा में पहाड़ के सहारे टिकी हनुमान जी की विशाल मूर्ति है मूर्ति के ठीक ऊपर पहाड़ मे 2 कुंड हैं जिनका जल मूर्ति क

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चित्रकूट भरत कूप

18 जनवरी 2024
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भरतकूप*******भरत जी जब रामचंद्र जी को मनाने अयोध्या से चित्रकूट आए थे तब उन्होने रामचंद्र जी के राज्याभिषेक के लिए साथ में सभी तीर्थों का जल ले लिया था लेकिन प्रभु पित्राज्ञा से 14 वर्ष के

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मड़फा आश्रम, सुतीक्ष्ण व सरभंग आश्रम

18 जनवरी 2024
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मड़फा पहाड़********भरतकूप क्षेत्र में बीहड़ जंगल में लगभग ढाई सौ मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित मरपा पहाड़ है इसी पहाड़ पर मांडव ऋषि का आश्रम था जिसके कारण इसका मांडव ऋषि का अपभ्रंश रूप होकर मड़फा पहाड़ के

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बाल्मीकि आश्रम

21 जनवरी 2024
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रामदर्शन ********यह सतना चित्रकूट मार्ग पर आरोग्यधाम के आगे रास्ते मे है ।यह एक संग्रहालय है यहां राम जी व रामायण काल से सम्बंधित वस्तुये है ।एक चित्रगैलरी मे बिजलीचालित रामायण कथा दिखाई जाती है । यहा

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शबरी प्रपात

21 जनवरी 2024
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बांके सिद्ध आश्रम *******बांके सिद्ध अनसूया जी के भाई सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि का स्थान कहा जाता है । इस गुफा में लगभग 15- 20000 वर्ष पहले के प्राकृतिक शैल भित्ति चित्र हैं जो प्रशासन क

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