बांके सिद्ध आश्रम *******
बांके सिद्ध अनसूया जी के भाई सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि का स्थान कहा जाता है । इस गुफा में लगभग 15- 20000 वर्ष पहले के प्राकृतिक शैल भित्ति चित्र हैं जो प्रशासन की अनदेखी से भग्नावशेष मात्र शेष हैं यहां पर अनेकों गंधक के झरने हैं ।
शबरी प्रपात
यह अभी पिकनिक स्पाट के रूप मे विकसित किया गया है । यहां घने जंगलों से निकलता हुआ पानी चट्टानों में बहते हुए आगे जाकर एक झरने के रूप में तब्दील हो जाता है । यहीं पर तीन धाराएं समानांतर 40 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरती है आगे जाकर एक तालाब का रूप ले लेती है । तालाब का पानी पुनः दो भागों में विभक्त होकर नीचे लगभग 80- 90 फुट की ऊंचाई से जलधार के रूप में गिरता है जो जंगलों के पादपों का सिंचन करता हुआ विलीन हो जाता है ।
शबरी जलप्रपात
बाला जी मंदिर *********
इस का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब ने कराया था ।ये आप सभी को आश्चर्य का विषय लगेगा वैसे तो औरंगजेब हिंदुओं के मंदिर तोड़ने तुड़वाने व कट्टरता के लिए जाना जाता था लेकिन श्री राम जी की तपोस्थली चित्रकूट के मंदाकिनी तट पर बालाजी का मंदिर निर्माण करवाया इतना ही नहीं हिंदू देवता के पूजा अर्चना में कोई विघ्न बाधा ना आए इसलिए इस मंदिर को 330 बीघा बेलगान की कृषि भूमि भी दान की ।
इसका भी एक मजेदार किस्सा इतिहास विदों द्वारा बताया जाता है कि एक बार चित्रकूट पर आक्रमण की मंशा से मुगल शासक औरंगजेब आया और उसने मत्यगजेंद्र स्वामी के शिवलिंग को तोड़ने के लिए टाकी चलाने का हुक्म दिया । टाकी चलाते ही उससे रक्त की धार बहने लगी और सभी मुगल सैनिकों को असंख्य वानरों ने घेर लिया पूरी सेना वानर सेना का रौद्र रूप देख बेहोश हो गयी। तब वहां के पुजारी जी ने बताया कि आपको वानरों से माफी मांग इनके स्वामी का पूजन अर्चन कर मंदिर में मूर्ति स्थापित करनी पड़ेगी तभी उसने बालाजी मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति स्थापना की और डर के मारे वापस लौट गया ।
लगभग 100 किमी के दायरे मे और भी आश्रम मंदिर पिकनिक स्पाट जैसे स्थल है ये आपके समय सुविधा पर निर्भर होता है ।
धारकुंण्डी, मारकुण्डी, रानीपुर अभ्यारण्य ,विरसिंहपुर का शंकर पार्वती जी का मंदिर जिसे फटहा बाबा के नाम से जानते है ।, चर गाँव का प्राचीन शिवमंदिर जो अब पुरातत्व विभाग के अन्तर्गत आ गया है ।राजापुर तुलसीदास जी की जन्मस्थली ,नादिनतौरा के हनुमान जी ,रसिन गाँव का बांध आदि दर्शनीय व प्राकृतिक स्थल हैं ।
यहां देवांगना घाटी में एअरपोर्ट लगभग बन कर तैयार हो गया है । शायद कुछ समय बाद फ्लाइट चलने लगें । रामघाट मंदाकिनी मे लेजर किरण से रामायण दिखाने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है ।राम पथ वन गमन मार्ग पर ट्रेन चलाई जाने की भी प्रशासन की योजना चल रही है ।
चित्रकूट जन-जन के लिए दर्शनीय प्राकृतिक ,आध्यात्मिक, रोमांचक,सांस्कृतिक व ऐतिहासिक स्थल है ।यहाँ पर रुकने के लिए ठहरने की सभी तरह की सुविधा है 500 से लेकर 5000 तक के सुविधासम्पन्न कमरे मिलजाते है खाने-पीने की सभी वस्तुएं मिल जाती हैं ।अनेको मठ आश्रम भी ठहरने की व्यवस्था रहती है ।
जय श्री कामतानाथ जी की
जय श्रीराम *****