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शबरी प्रपात

21 जनवरी 2024

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बांके सिद्ध आश्रम *******

बांके सिद्ध अनसूया जी के भाई  सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि का स्थान कहा जाता है । इस गुफा में लगभग 15- 20000 वर्ष पहले के प्राकृतिक शैल भित्ति चित्र हैं जो प्रशासन की अनदेखी से भग्नावशेष मात्र शेष हैं यहां पर अनेकों  गंधक के झरने हैं ।
शबरी प्रपात
यह अभी पिकनिक स्पाट के रूप मे विकसित किया गया है । यहां घने जंगलों से निकलता हुआ पानी चट्टानों में बहते हुए आगे जाकर एक झरने के रूप में तब्दील हो जाता है । यहीं पर तीन धाराएं समानांतर 40 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरती है आगे जाकर एक तालाब का रूप ले लेती है । तालाब का पानी पुनः दो भागों में विभक्त होकर नीचे लगभग 80- 90 फुट की ऊंचाई से जलधार के रूप में गिरता है जो जंगलों के पादपों का सिंचन करता हुआ विलीन हो जाता है ।

शबरी जलप्रपात 
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बाला जी मंदिर *********
इस का निर्माण मुगल शासक औरंगजेब ने कराया था ।ये आप सभी को आश्चर्य का विषय लगेगा वैसे तो औरंगजेब हिंदुओं के मंदिर तोड़ने तुड़वाने व कट्टरता के लिए जाना जाता था लेकिन श्री राम जी की तपोस्थली चित्रकूट के मंदाकिनी तट पर बालाजी का मंदिर निर्माण करवाया इतना ही नहीं हिंदू देवता के पूजा अर्चना में कोई विघ्न बाधा ना आए इसलिए इस मंदिर को 330 बीघा बेलगान की कृषि भूमि भी दान की ।

इसका भी एक मजेदार किस्सा इतिहास विदों द्वारा बताया जाता है कि एक बार चित्रकूट पर आक्रमण की मंशा से मुगल शासक औरंगजेब आया और उसने मत्यगजेंद्र  स्वामी के शिवलिंग को तोड़ने के लिए टाकी चलाने का हुक्म दिया । टाकी चलाते ही उससे रक्त की धार बहने लगी और सभी मुगल सैनिकों को असंख्य वानरों ने घेर लिया पूरी सेना वानर सेना का रौद्र रूप देख बेहोश हो गयी।  तब वहां के पुजारी जी ने बताया कि आपको वानरों से माफी मांग इनके स्वामी का पूजन अर्चन कर मंदिर में मूर्ति स्थापित करनी पड़ेगी तभी उसने बालाजी मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति स्थापना की और डर के मारे वापस लौट गया ।

लगभग 100 किमी के दायरे मे और भी आश्रम मंदिर पिकनिक स्पाट जैसे स्थल है ये आपके समय सुविधा पर निर्भर होता है ।

धारकुंण्डी, मारकुण्डी, रानीपुर अभ्यारण्य ,विरसिंहपुर का शंकर पार्वती जी का मंदिर जिसे फटहा बाबा के नाम से जानते है ।, चर गाँव का प्राचीन शिवमंदिर जो अब पुरातत्व विभाग के अन्तर्गत आ गया है ।राजापुर तुलसीदास जी की जन्मस्थली ,नादिनतौरा के हनुमान जी ,रसिन गाँव का बांध आदि दर्शनीय व प्राकृतिक स्थल हैं ।

यहां देवांगना घाटी में एअरपोर्ट लगभग बन कर तैयार हो गया है । शायद कुछ समय बाद फ्लाइट चलने लगें ।  रामघाट मंदाकिनी मे लेजर किरण से रामायण दिखाने के  प्रोजेक्ट  पर काम चल रहा है ।राम पथ वन गमन मार्ग पर ट्रेन चलाई जाने की भी प्रशासन की योजना चल रही है ।

चित्रकूट जन-जन के लिए दर्शनीय प्राकृतिक ,आध्यात्मिक, रोमांचक,सांस्कृतिक व ऐतिहासिक स्थल है ।यहाँ पर रुकने के लिए ठहरने की सभी तरह की सुविधा है 500 से लेकर 5000 तक के सुविधासम्पन्न कमरे मिलजाते है खाने-पीने की सभी वस्तुएं मिल जाती हैं ।अनेको मठ आश्रम भी ठहरने की व्यवस्था रहती है ।
           जय श्री कामतानाथ जी की 
                   जय श्रीराम *****


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रचनाएँ
पावन चित्रकूट
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प्रस्तावित पुस्तक में मैने अपनी भावी पीढ़ी को कहानी के माध्यम से ऐतिहासिक ,धार्मिक स्थल चित्रकूट के बारे में जानकारी देते हुए अपनी संस्कृति से परिचित कराने का छोटा सा प्रयास किया है ।आपको यह कोशिश कैसी लगी समीक्षा देकर अपने विचार अवश्य बतायें। चित्रकूट भारत के सबसे प्रसिद्ध प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है । आइये पुस्तक में अवलोकन करते हैं परम पावन रमणीय चित्रकूट के दर्शनीय स्थलों का । " जय श्रीराम"
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महिमा चित्रकूट की (1)

11 जनवरी 2024
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दादी जी दादी जी!! "आज आप हमें चित्रकूट के बारे में अच्छे से जानना चाहते हैं वहां ऐसी क्या विशेषता थी कि भगवान राम जी ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल के 12 वर्ष वहीं बिताये"?जरूर कृष्णा बेटा आज तुम स

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दर्शनीय स्थल (2)

11 जनवरी 2024
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इसी चित्रकूट में श्री रामचंद्र जी ने माता पिता द्वारा दिये गये 14 वर्ष के वनवास में 12 वर्ष यहीं गुजारे थे।महर्षि अत्रि व पत्नी अनुसूया की यह पवित्र तपोस्थली थी । यह धर्म की नगरी कही जाती

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पावन पवित्र स्थल

12 जनवरी 2024
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मन्दाकिनी नदीनदी के विहंगम दृश्यों पर नजर डालने से यहां के घाट बनारस की याद ताजा कर जाते हैं । यहां शाम को बनारस की ही तरह आरती और कीर्तन होते है ।दीपावली अमावस की काली रात मे प्रज्वलित दी

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प्रमुख और रमणीय स्थल

12 जनवरी 2024
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मुख्य देव कामदगिरि *****कामद गिरि की विशेषता है कि यह हर ओर से देखने मे धनुषाकार ही दिखता है।यह चित्रकूट का सबसे प्रमुख स्थान है ।इसका कामदगिरि के नाम से संरक्षण ट्रस्ट भी है । यह भगवान के

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चित्रकूट में भरत-लक्ष्मण

12 जनवरी 2024
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भरत मिलाप *********बच्चो रामचन्द्र जी पिता की आज्ञा मानकर 14 वर्ष को पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ वन को चले जाते अयोध्या में कैकेयी पुत्र भरत व सुमित्रा नन्दन शत्रुघ्न लौटकर

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चित्रकूट में जानकीकुंड

16 जनवरी 2024
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जानकीकुंड ********रामघाट से 2 किलोमीटर मंदाकिनी नदी के किनारे (जनक सुता होने के कारण सीता जी को जानकी भी कहा गया है) मान्यता है सीता जी यहां स्नान करती थी ।जानकी कुंड में रामभद्राचार्य जी जो तुलसी पीठ

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अनुसूया आश्रम व गुप्त गोदावरी

16 जनवरी 2024
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ये दोनो स्थान चित्रकूट के चारधाम के अन्तर्गत आते है ।अनुसूया आश्रमजानकीकुंड से 14 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों से घिरा यह स्थान है । पहले बहुत निर्जन होने के कारण यहां पर लोग अकेले नहीं जाते थे । यह

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संकर्षण गिरि में हनुमानधारा

16 जनवरी 2024
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कामदगिरि के पूर्व दिशा में एक संकर्षण गिरि है ।इसी पहाड़ी के शिखर पर स्थित हनुमान धारा में पहाड़ के सहारे टिकी हनुमान जी की विशाल मूर्ति है मूर्ति के ठीक ऊपर पहाड़ मे 2 कुंड हैं जिनका जल मूर्ति क

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चित्रकूट भरत कूप

18 जनवरी 2024
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भरतकूप*******भरत जी जब रामचंद्र जी को मनाने अयोध्या से चित्रकूट आए थे तब उन्होने रामचंद्र जी के राज्याभिषेक के लिए साथ में सभी तीर्थों का जल ले लिया था लेकिन प्रभु पित्राज्ञा से 14 वर्ष के

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मड़फा आश्रम, सुतीक्ष्ण व सरभंग आश्रम

18 जनवरी 2024
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मड़फा पहाड़********भरतकूप क्षेत्र में बीहड़ जंगल में लगभग ढाई सौ मीटर ऊंची पहाड़ी पर स्थित मरपा पहाड़ है इसी पहाड़ पर मांडव ऋषि का आश्रम था जिसके कारण इसका मांडव ऋषि का अपभ्रंश रूप होकर मड़फा पहाड़ के

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बाल्मीकि आश्रम

21 जनवरी 2024
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रामदर्शन ********यह सतना चित्रकूट मार्ग पर आरोग्यधाम के आगे रास्ते मे है ।यह एक संग्रहालय है यहां राम जी व रामायण काल से सम्बंधित वस्तुये है ।एक चित्रगैलरी मे बिजलीचालित रामायण कथा दिखाई जाती है । यहा

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शबरी प्रपात

21 जनवरी 2024
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बांके सिद्ध आश्रम *******बांके सिद्ध अनसूया जी के भाई सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि का स्थान कहा जाता है । इस गुफा में लगभग 15- 20000 वर्ष पहले के प्राकृतिक शैल भित्ति चित्र हैं जो प्रशासन क

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