1.) एक दफा का जिक्र हैं । किसी दूर दराज के मूल्क में चिल जैसे काले बाल वाला एक बहुत ही खुबसुरत बादशाह रहता था । उस बादशाह के ईमानदारी और दौलत के वजह से उसे बहुत पसंद किया जाता था | लेकिन वो बहुत ज्यादा खौफजदा था , क्योंकि / लेकिन उसमें एक बच्चा छूपा हुआ था ... एक बहुत नाजुक सा दिलवाला , एक बहुत ही प्यार करने वाला । एक जवान लड़कि को उससे मोहब्बत हो गई । बहुत ज्यादा प्यार करने लगी वो उससे । लेकिन क्या है प्यार ... ! वो लड़की पागल हो गई । जब भी इस बादशाह को देखा ... वो पागल हो जाती थी । प्यार तो दूर की बात , देखने की भी हिम्मत नहीं कर पाती थी ... बिल्कुल भी नहीं ।
लड़की बादशाह से बहुत मोहब्बत करती थी । बहुत ज्यादा मोहब्बत ... वो एक दूसरे के साथ हो गए हमेशा के लिए । प्यार भी किया और शादी करने का फैसला भी किया और एक दिन फिर बादशाह , उसे छोड़ कर दूर चला गया । लड़की क्या करती ? लूट गयी बर्बाद हो गयी । नई जिंदगी जिना शुरू कर दी उस लड़की ने । ना जिंदगी रही ना खुशी थी । मोहब्बत पर लानत फेज दी उसने । हमेशा अधूरी और उदास रही वो ... जिना छोड़ दिया उसने । जब तक बादशाह अपने तख़त पर आया । हाँ वो उसे नहीं देखना चाहती थी , उसने बादशाह के बारे में बिल्कुल ही सोचना छोड दिया । बिल्कुल भी मिलना नही चाहती थी उससे , कभी भी देखना नहीं चाहती थी । लेकिन देखों एक दिन क्या हुआ , कि अचानक बादशाह ही उसके सामने आकर खड़ा हो गया । फिर बस वो लड़की क्या करती ... ? उसने फिर भागना शुरू कर दिया बादशाह से , क्योंकि वो सबको खोने से डर गयी हैं । क्योंकि अब वो उसे दोबारा खोने से डर गयी हैं । मोहब्बत करती हैं . . लेकिन वो किसी को बता नहीं सकती . . बल्कि सबसे कहा कि अब मैं बिल्कुल ही ठीक हूँ । जबकि वो कभी ठीक हुई ही नहीं थी । बादशाह को देखते ही वो घबरा जाती थी हमेशा ... I वो लड़की बादशाह के साथ रहना चाहती थी , लेकिन सिर्फ ये बात जानती थी कि ... बादशाह छोड़ के जा चुका है . . . अब नहीं आयेगा , लेकिन दूसरी तरफ वो उसके आने का बहुत इंतजार करती थी । वी जानती थी अब कुछ ठीक नहीं होगा .... लेकन दूसरी तरफ वो पागलों की तरह उसी के बारे में सोचती रहती थी । अब वो लड़की डर गयी थी । प्यार में दोबारा चोट खाने से । बादशाह से दूर भाग गयी । अभी भी बहुत मोहब्बत करती थी लेकिन ... किसी को वो बता नहीं सकती थी । बल्कि कहती थी की सब खत्म हो गया .. खत्म हो गया .. सब खत्म ... !!
सबसे ही सबकुछ छुपाइ .... दरअसल अंदर ही अंदर घुट रही थी । सिर्फ वहीं जानती थी कि सबकुछ कभी खत्म नहीं हुआ ।
एक बादशाह के एहसासात कभी भी आपको नजर नहीं आते है , वो अनप्रिडिक्टबल होते हैं और ना ही पढ़े जा सकते हैं । वो कभी भी उसको सही समझ नहीं पाते है , उसे लगता हैं , कि वो सही है । वो उसे पसंद करती हैं , क्योंकि उसे लगता है कि वो हमेशा सही है , चाहें कुछ भी हो जाए । बादशाह कभी भी अपनी इमोशन्स नहीं दिखाता । उसे नजरअंदाज करता है । सबसे छुपाता है । उसे लगता है , अगर वो सब छूपा लेगा तो कोई भी उसे कभी हर्ट नहीं कर पाएगा । वो हमेशा उसके साथ रहता है । उसकी देखभाल करता हैं । हर वक्त - हर जगह , चाहे कुछ भी हो जाए । उसे हमेशा पता होता है कि वो कब नाराज और गुस्से में हैं और हमेशा चाहता है उसे प्रोटेक्ट करना , कम्फर्ट करना । हमेशा पता होता है कि कब उसे उसकी जरूरत है और हमेशा वो उसके साथ ही रहता हैं । वो उसे हमेशा छुपके - छुपके से देखता है । हमेशा से जानता है वो .... उसका हर कदम , हर साँस , हर एहसास । जब उसे उसकी जरूरत होती है और वो बहुत थक जाती हैं , वो हमेशा उसके लिए मौजूद रहता है । हमेशा उसके साथ खड़ा होता है और इसे ही मोहब्बत कहते हैं ।
वो दोनों एक दूसरे के लिए ही बने है । वो लड़की उस बादशाह के लिए और वो बादशाह उस लड़की के लिए । कुछ भी हो जाए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता । उनदोनों की एक अलग ही दुनिया है । वो दोनों हमेशा एक - दूसरे का ख्याल करते हैं , हमेशा एक - दूसरे के बारे में सोचते हैं । यहां तक जब वोलोग एक - दूसरे से नराज हो रहे होते है और एक - दूसरे से बात तक नहीं करते , तब भी एक - दूसरे का ख्याल करना नहीं छोड़ते है । उसे महसूस हो जाता है , कि उसकी नराजगी वो महसूस करती है , इसी वजह वो उसका हाथ हमेशा थामे रखती हैं और कभी उसे अकेला नहीं छोड़ती । वो लड़की उस बादशाह को सबसे ज्यादा बेहतर तरिके से जानने लगती है , इतना कि कोई भी उसे नहीं जानता । सिर्फ वहीं होती है जो बादशाह को हमेशा से समझ पाती हैं , कि बादशाह के दिल - ओ - दिमाग में आखिर चल क्या रहा है ?
उनको बात करने की भी जरूरत नहीं पड़ती थी । बगैर बताए , बगैर कुछ कहें ... एक - दूसरे की बात हमेशा समझ जाते थे , कि एक - दूसरे के दिल में क्या चल रहा है । वो सब जानते थे । बस इसी वजह से दोनों ने एक - दूसरे का हाथ कभी नहीं छोड़ा ।
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लेखक — K KAFKA किताब का नाम — मेलेने के लिए खत ।
2.) ये हाथ ना पकड़ पाना , इस मोहब्बत का तकलीफ देह पहलू हैं । मै तुम्हारा सारा दर्द लेना चाहता हूँ , उस खुशकिस्मत आईने की तरह बनना चाहता हूँ मैं , जो तुम हमेशा ... हमेशा देख सको । काश ! मैं तुम्हारे यहां आलमारी होता , सारा दिन मैं तुम्हें देखते रहता । तुम्हारा सोफे पर बैठना , खत लिखना , कलम थामे तुम्हारे खुबसुरत हाथ .. तुम्हारा ख्यालों में खोया चेहरा ... नींद से भरी आंखे , समुंद्र के बीच में ज़मीन का टुकड़ा पानी के बहाव को जैसे बर्दास्त करता है , तुम भी बिल्कुल ऐसी ही हो मेरी मानवी । जिंदगी तो बहुत बुरी हैं , मुझे नहीं लगता था कि मैं लोगों के बुराइयों को कभी झेल भी पऊंगा । मुझे शरम आती थी , लेकिन तुमने मुझे कुछ सिखाया । ऐसा कुछ भी नहीं जो झेला ना जा सके , तुम पूछे जा रही हो कि मैं तुम्हें चाहता हूँ कि नहीं । इसका जबाब देना बहुत मुस्किल है , खत में तो बिल्कुल भी बयान नहीं किया जा सकता हैं । अगर कभी हम आमने - सामने आये तो ... और अगर ... मेरी सांसे ना रुकी तो .. मैं तुम्हें बता दूंगा , लेकिन हर वो लब्ज जो तुमने इस बारे में कहे हैं , मुझे कांच के तरह चुभे हैं , तकलीफ देते है ।
ये दर्द कम नहीं होता , ये हर दिन बढ़ता जाता है ।
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3.) मुझसे ये झूठी खुशियां , बर्दास्त नहीं होती है । हमेशा अपने प्यार को पाने के लिए मै . . दुःखी ही हुआ हूं । हमेशा मेरे लाइफ में ऐसा ही हुआ कि , जब कभी मैंने किसी को चाहा है तो ... हमेशा एक मोड पर आकर ... वो खुशी मुझसे छीन जाती है । जब भी हमने अपनी मोहब्बत को रौशनी में ढूढ़ना चाहा है तो .. वो हमेशा मुझे अंधेरा ही दिखाती रही है । जैसे ये लड़की मेरी जिंदगी में आई थी , तो मैंने यहीं सोचा था कि ..शायद मुझे अब मेरा सच्चा प्यार मिल जाएगा , लेकिन आज भी मैं उतना ही अकेला हूं , जैसे मैं पहले हुआ करता था । जिंदगी ने मुझे बहुत तजुर्बे दिए , पर हमेशा दुःख ही मिला । सारी कश्तियां मेरी चल गयी । कब तक मैं इसी तरह से ... अकेला ही रहूंगा । मुझसे अब ये सब बर्दास्त नहीं होता । ये अकेलापन मुझे काटता है । लगता है ये सारे ग़म , कभी भी मेरा पिछा नहीं छोड़ेंगे । सुना है हर गम के बाद ... बहुत खुशी आती हैं और मुझे .... अब उसी खुशी की तलाश है , लेकिन मेरी ज़िंदगी में ... एक ठहराव सा आ गया हैं । शायद मेरी जिंदगी का मक़सद यही है । अकेले रहना .. और अधूरी मोहब्बत ... और तन्हाइ ।