27 सितम्बर 2022
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मैं एक विधार्थी हूँ .... मुझे लिखना और पढ़ना पंसद है . . . नारी है वो नारी है वो ताड़न की अधिकारी दो परिवारो को एक करने वाली टूटे विश्वास को जोड़ने वाली खुले मन से हँसने वाली अपनी इच्छा को मारने वाली आँसू को छूपाने वाली दर्द में भी मुस्कुराने वाली कर्तव्य से अपने मूँख ना मोड़ने वाली थकने पर भी उफ्फ ना करने वाली हे मानव .... नारी है वो नारी ... है वो ताड़न की अधिकारी ... ताड़न की अधिकारी का अर्थ यहां पर प्यार पाने की हकदार से है । D
रिया जी,बहुत मर्मांतक भावों की अभिव्यक्ति हुई हैं रचना में।एक अधूरी प्रेम कहानी नज़र आती है रचना में। जिसको अधूरा रखने का श्रेय परम सत्ता को है।कृपया आखिरी पंक्ति में 'छिन ' को 'छीन ' कर लें।लिखते रहिए।मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं ♥️♥️
27 सितम्बर 2022
आपका बहुत बहुत धन्यवाद मैंम😊😊☺️☺️ बना दी हूँ मैंम बताने के लिए हदय से धन्यवाद आपका❤️❤️🙏🏻