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बैंगलुरू राजनीतिक बैठक

17 जुलाई 2023

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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि बेंगलुरु में राष्ट्रीय विपक्षी दलों की बैठक का न तो कोई राजनीतिक असर होगा, न ही राजनीतिक अर्थ क्योंकि इन दलों के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराने के अलावा एकजुट होने का कोई विशेष कार्यक्रम नहीं है। श्री बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से कहा,“राष्ट्रीय स्तर पर कोई मजबूत विपक्षी दल नहीं है। क्षेत्रीय दल हैं। इसलिए, इन सभी दलों को एक छत के नीचे लाने और बैठकें आयोजित करने का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं होगा और उन्हें कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा।” उन्होंने कहा,“उनके पास एकजुट होने का कोई विशेष कार्यक्रम नहीं है। उनका एकमात्र लक्ष्य श्री मोदी को हराना है।” कांग्रेस द्वारा बुलाई गई 24 गैर-भाजपा पार्टियों की बैठक 17 और 18 जून को बेंगलुरु में होने की उम्मीद है। विपक्षी दलों की यह दूसरी बैठक होगी। पहली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी लोकसभा चुनाव नजदिक आ रहे हैं वैसे-वैसे तमाम पार्टियां 2024 के चुनाव के लिए अपना दमखम लगा रही हैं। और अब ऐसे में विपक्षी दलों की आगामी बैठक 17 और 18 जुलाई को होने जा रही है। यह बैठक कर्नाटक के बेंगलुरु में कांग्रेस द्वारा बुलाई जा रही दूसरी विपक्षी एकता की बैठक है। माना जा रहा है कि इस बैठक में करीब 24 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, इस बार की बैठक में आठ नई पार्टियों ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के लिए विपक्षी मोर्चा में जुड़ने की ठानी है। बता दे कि बिहार के पटना में पिछले महीने की मेगा विपक्षी बैठक के बाद 24 राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता बेंगलुरु में होने वाली दूसरी बैठक में भाग लेंगे।सोनिया गांधी बैठक में होंगी शामिलइस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल होंगी। शामिल दलों में केडीएमके और एमडीएमके 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के सहयोगी थे, लेकिन अब विपक्षी दलों का हिस्सा है।इस बैठक के लिए इन सभी दलों को साथ लाने का सारा श्रेय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को दिया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने शीर्ष विपक्षी दल के नेताओं को संबोधित करते हुए एक पत्र में उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बुलाई गई बैठक में उनकी भागीदारी के बारे में याद दिलाया।
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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि बेंगलुरु में राष्ट्रीय विपक्षी दलों की बैठक का न तो कोई राजनीतिक असर होगा, न ही राजनीतिक अर्थ क्योंकि इन दलों के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हराने के अलावा एकजुट होने का कोई विशेष कार्यक्रम नहीं है। आओ पढ़े

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