नोटबंदी से पहले आप हेडिंग पढ़कर सोचते कि हमसे हेडिंग में रिजर्व की जगह गलती से रिवर्स लिख दिया है. लेकिन अब आप खुद ही कहेंगे कि आज के हिसाब से यही सही है. क्योंकि ‘रिवर्स’ बैंक ऑफ़ इंडिया ने अब कहा केवाईसी वाले खाताधारक 5,000 रुपये से अधिक जमा करें. यानी 21 दिसंबर को रिज़र्व बैंक ने अपने उस नियम को वापस ले लिया. जिसके तहत पाँच हज़ार से अधिक रुपए, 30 दिसंबर तक, एक बार से ज़्यादा बार जमा नहीं कराए जा सकते थे. सोमवार को जारी नियम के तहत 30 दिसंबर तक सिर्फ़ एक बार 5,000 रुपए से ज़्यादा नकद रकम (पुराने नोटों में) जमा कराने की अनुमति थी.
मितरों 500 और 1000 के नोट बंद. अब इतने पैसे निकाल सकते हैं. उतने जमा कर सकते हैं… नहीं, नहीं… आज से इतने जमा कर सकते हैं, उतने निकाल सकते हैं. पता नहीं कितनी बार ये फैसला रद्दो बदल हुआ. नए सर्कुलर के तहत केवाईसी वाले खाताधारकों के लिए 5000 रुपए से ज़्यादा की रकम जमा कराने वाली शर्त लागू नहीं होगी. केवाईसी वो अकाउंट होते हैं जिसके खाताधारकों के बारे में समूची जानकारी बैंकों के पास होती है. अब केवाईसी खाताधारक अपने बैंक में एक से अधिक बार भी पाँच हज़ार रुपए से अधिक जमा करा सकेंगे.
जब नोटबंदी का ऐलान किया गया था तो कहा गया था कि आपके पास 30 दिसंबर तक पैसा जमा कराने का वक्त है. आराम से जमा करिए. बैंकों में एक साथ भीड़ न लगाएं. लेकिन अचानक से फैसला सुना दिया कि 30 दिसंबर तक 5000 के पुराने नोट ही जमा कर सकते हैं. सरकार के उस फैसले की खूब किरकिरी हुई कि वादा तो किया था 30 दिसंबर तक आराम से पैसे जमा कराने का. और नोट जमा करने पर पहले ही पाबंदी लग दी गई. सोशल मीडिया पर मजाक उड़ा. खैर, अब ये फैसला वापस ले लिया गया है. नोटबंदी पर ये बड़ा यूटर्न है.