व्हेल मछली और इंसानों में वैसे तो कुछ भी एक सा नहीं होता. मगर मादा व्हेल और महिलाओं (Women) की ये समानता आपको आश्चर्यचकित कर देगी. इंसानों के शरीर के बारे में जानने के लिए बड़े-बड़े साइंटिस्ट व्हेल मछली की स्टडी करते हैं. व्हेल मछली की प्रजाति इलर व्हेल और इंसानों में ये कॉमन है कि दोनों की फीमेल को मीनोपॉज होता है.
मीनोपॉज ये क्या होता है?
इसको हिंदी में रजोनिवृत्ति कहते हैं. बोलने की कोशिश मत करना जीभ टेढ़िया जाएगी. मीनोपॉज वो टाइम है जब औरतों को पीरियड आना हमेशा के लिए ख़त्म हो जाता है. जिसके साथ उनकी बच्चे पैदा करने की क्षमता ख़त्म हो जाती है. अंग्रेजी में बोलें तो फर्टिलिटी ख़त्म हो जाती है. जब तक पीरियड चलते हैं, तब तक उनकी ओवरी से हर महीने एक अंडा निकलता है. जिसको अगर पुरुष का स्पर्म मिल जाए, तो वो बेबी बन जाता है. और अगर स्पर्म न मिले, तो बच्चे को पोषण देने के लिए इकट्ठा हुआ खून पीरियड के साथ निकल जाता है.
तो हर जानवर को नहीं होता मीनोपॉज?
व्हेल और इंसानों को छोड़कर बाकी सारे जानवर मरने तक प्रेगनेंट हो सकते हैं, बच्चे पैदा कर सकते हैं. वहीं व्हेल मछली और औरतें लगभग आधी के कुछ ज्यादा उम्र तक आते-आते फर्टिलिटी खो देती हैं. लेकिन ऐसा क्यों कि केवल औरतों और व्हेल मछलियों के साथ नाइंसाफी हो? साइंटिस्ट कहते हैं कि ऐसा इवोल्यूशन की वजह से हुआ है. इवोल्यूशन यानी जबसे धरती पर जीवन है, तबसे हमारा शरीर किस-किस तरह बदला है. कहते हैं कि हमारे पूर्वज बंदर थे. इसीलिए कहते हैं, क्योंकि समय के साथ हम वो बन गए, जो हम हैं. इसी इवोल्यूशन के साथ औरतों को मीनोपॉज होने लगा. क्यों होने लगा, उसे साइंटिस्ट ‘ग्रैनीज़ इफ़ेक्ट’ कहते हैं.
अब ये ग्रैनीज़ इफ़ेक्ट क्या होता है ?
ये भी इवोल्यूशन का एक हिस्सा है. कि जब औरत की उम्र ज्यादा होने लगे, प्रकृति उसके बच्चे पैदा करने की क्षमता को ख़त्म कर दे. ताकि वो अपना सारा ध्यान अपने नाती-पोतों पर लगा सके. अगर आपने कभी देखा हो तो कुछ बच्चों की शक्ल उनके दादा-दादी या नाना-नानी से इतनी मिलती है, जितनी खुद के मां-बाप से नहीं मिलती. ऐसा इसलिए क्योंकि दादा-दादी और नाना-नानी के जीन्स बच्चों में आ जाते हैं. ये लग्जरी इंसानों को इसलिए मिलती है क्योंकि वो खुद एक उम्र के बाद बच्चे नहीं पैदा कर सकते. तो जीन्स नाती-पोतियों को ट्रांसफर हो जाते हैं. जिससे बिना नए बच्चे पैदा किए ही उनके बच्चों के बच्चों में उनके अंश रहें.
ये वजह भी हो सकती है
इवोल्यूशन की ही एक थियरी ये भी है कि मां और उसकी बेटी में रिप्रोडक्शन का कम्पटीशन होता है. असली वाला नहीं, बायोलॉजिकल कम्पटीशन. जब औरत ऐसी उम्र में पहुंच जाती है जहां उसके बच्चों के बच्चे होने लगें, तो उसे मीनोपॉज हो जाता है. साइंटिस्ट इसे औरत और उसकी बेटी के बीच बायोलॉजिकल कम्पटीशन के तौर पर देखते हैं. जब दोनों बच्चा पैदा करने के कम्पटीशन में आ जाती हैं, तो मां को हारना पड़ता है. और इस वजह से मीनोपॉज होता है.