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बेवजह

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बेवजह न उलझो।बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..कल को किसने देखा मेरी जान, बियर विसकी रम पीना है।करवटे बहुत बदल लिए मेरी जान, अभी जी भर के सोना है।बेवजह न उलझो मेरी जान, अभी जिंदगी जीना है..कौन क्या लेके जाएगा? सब यही पड़ा रह जायेगा।ये खुशियों के दिन है, ख़ुशियों में जियो, गम में क्यो जीना है?

ज़िंदगी ये मेरी बेवजह बन गयी उनको पाने की चाहत खता बन गयी दिल लगाना और लगा के उसे तोड़ देना ऐसी उस बेवफा की अदा बन गयी उनका हुस्न औ अदा और मेरा दीवानापन इस

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